NASA के वैज्ञानिक ने उठाया पर्दा, चंद्रमा की परत में छिपा है सूर्य का इतिहास

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उत्तराखंड ।। NASA के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद पर सूर्य के प्राचीन रहस्यों के सुराग मौजदू हैं, जो जीवन के विकास को समझने के लिए अहम हैं। लगभग 4 अरब साल पहले सूर्य सौर मंडल में तीव्र विकिरणों, उग्र वेगों, उच्च ऊर्जा वाले बादलों और कणों के घातक प्रकोप से गुजरा था।

अमेरिका (US) में NASA के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकोप ने धरती की शुरुआत में जीवन के अंकुरण में सहायता की और ऐसा धरती को गर्म तथा नम रखने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं से हुआ।

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एक अफसर ने हैरानी जताई कि पृथ्वी की मिट्टी के मुकाबले चांद की मिट्टी में कम सोडियम और पोटेशियम क्यों हैं, जबकि चांद और धरती की संरचना एक समान तत्व से हुई है। इस प्रश्न का जवाब अपोलो काल के चांद के नमूनों और धरती पर पाए गए चांद के उल्कापिंडों का विश्लेषण करने से पता लगा जो वैज्ञानिकों के लिए कई दशकों तक पहेली रही।

NASA के ग्रह संबंधी वैज्ञानिक रोजमैरी किलेन ने कहा कि धरती और चांद एक जैसे तत्वों से बने होंगे तो प्रश्न ये है कि क्यों चांद का इन तत्वों में क्षरण क्यों हो गया? इसके बाद दोनों वैज्ञानिकों ने संदेह जताया कि सूर्य का इतिहास चांद की परत में छिपा है।

फोटो- फाइल

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