सोमवार को वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) दायर की। इस रिट में कहा गया है कि PNB घोटाले और उससे जुड़े ज्वैलरी व्यापारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी को लेकर हो रही जांच को स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) को सौंपा जाये। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में इस रिट पर सुनवाई अभी बाकी है।
घोटाले का सूत्रधार व्यवसायी नीरव मोदी विदेश भाग चुका है। ED पीएनबी घोटाले की जांच कर रहा है जबकि इन्कमटैक्स विभाग हीरा कारोबारी के कालेधन पर शिकंजा कस रहा है। इसी के चलते CBI ने सोमवार को तीन और बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया। उधर PNB घोटाले के सूत्रधार हीरा व्यवसायी नीरव मोदी ने बैंक का कर्ज चुकाने से ही इनकार कर दिया है। उसने दावा किया है कि बैंक के दावे के विपरीत उसकी देनदारी बहुत कम है।
नीरव ने यह पत्र 15/16 फरवरी को बैंक प्रबंधन को लिखा है। पत्र में नीरव ने कहा, “मेरी कंपनी पर बैंक की देनदारी 5000 करोड़ से कम है। लेकिन बैंक की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर कर देनदारी दिखाने की वजह से मीडिया का ध्यान आकर्षित हुआ। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई हुई जिससे ‘फायरस्टार इंटरनेशनल’ और ‘फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल’ की साख खराब की और परिवार की देनदारी देने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई।” नीरव ने लिखा, “मेरे 13 फरवरी के प्रस्ताव के बावजूद देनदारी वसूलने की जल्दबाजी और 15 फरवरी को सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा ने मेरे ब्रांड और कारोबार को बर्बाद करके रख दिया है। इसलिए अब देनदानी वसूलना बैंक की क्षमता पर निर्भर हो गया है।”
पत्र में नीरव ने प्रतनिधियों और बैंक अफसरों के साथ हुई बातचीत का भी ब्यौरा दिया है। उन्होंने बैंक से कहा, “आप 11 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है और इसे आप भी जानते हैं। नीरव मोदी समूह की देनदारी कहीं कम है। बैंक की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बावजूद सदभावना के तहत मैंने ‘फायरस्टार समूह’ या कीमती परिसंपत्तियों और यहां तक अन्य तीन कंपनियों की संपत्ति भी को बेचकर कर्ज चुकाने का प्रस्ताव किया।”
नीरव मोदी ने दावा किया है कि उनकी घरेलू कारोबार का मूल्य 6500 करोड़ रुपये है। वह बैंक की देनदारी को कम करना चाहते थे। लेकिन सभी बैंकों-खातों के सील होने और परिसंपत्तियों के कुर्क होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाये। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “पीएनबी ने कई बार उनकी साझेदारी वाली तीनों कंपनियों की क्रेता कर्ज सुविधा की मियाद बढ़ाई। लेकिन कोई ऐसा साल नहीं हुआ, जब ये कंपनियां अपनी देनदारी से चूकी। पीएनबी के माध्यम से ही यह राशि भुगतान के लिये गई। ‘फायरस्टार इंटरनेशनल’ और ‘फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल’ कभी देनदारी से चूकी और बैंकों का पैसा सुरक्षित है।”
पत्र में नीरव ने ED और CBI की ओर से जब्त 5649 करोड़ की संपत्ति के बारे में कहा, “उनकी कंपनियों और अन्य संपत्तियों से बैंक की देनदारी को चुकता किया जा सकता था। लेकिन अब उसका समय निकल चुका है। इसलिये वह PNB से अनुरोध करते हैं कि वह ईमानदारीपूर्वक इस राशि से अन्य बैंकों की देनदारी को भी चुकता करे।”
नीरव के मुताबिक बैंक ने गलत तरीके से उनके भाई को फंसाया, जबकि उनका इन कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं था। इसी प्रकार मेरी पत्नी की भी कारोबार के परिचालन में कोई भूमिका नहीं थी। इसके बावजूद उनका नाम उछाला गया। मेरे मामा को भी गलत तरीके से मुझसे जोड़ा गया, जबकि वह स्वतंत्र करोबारी हैं।