मोदी सरकार किसानों को दे रही खुशखबरी पर खुशखबरी, अब किया सबसे बड़ा ऐलान…

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नई दिल्ली ।। पीएम मोदी ने बजट से ठीक पहले कृषि में व्यापक सुधार और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। मुख्यमंत्रियों और अफसरों वाली यह कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसके कन्वीनर होंगे। कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, एमपी, यूपी के सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री इसके सदस्य होंगे।

इससे पहले मोदी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट में चुनावी वादा पूरा करते हुए पीएम किसान सम्मान निधि योजना का 14.5 करोड़ परिजनों तक विस्तार किया और छोटे किसानों के लिए पेंशन की घोषणा की। बजट से पहले ही कैबिनेट ने 14 फसलों की एमएसपी बढ़ा दी है। समझा जा सकता है कि बजट में भी पीएम नरेंद्र मोदी का किसान प्रेम झलकेगा।

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  • (1) इस योजना में बढ़ सकता है 2 हजार रुपए का फायदा-पीएम किसान सम्मान निधि योजना की रकम 6 हजार से बढ़कर 8 हजार रुपए की जा सकती है। इसकी वजह ये है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने अपने एक रिसर्च पेपर में कहा है कि रकम अगले पांच साल के लिए बढ़ाकर 6 हजार रुपए सालाना से 8 हजार रुपए करना चाहिए। ये मार्केट में फील गुड फैक्टर और उत्साह बढ़ाएगा। सभी किसानों के लिए ये योजना पहले ही लागू की जा चुकी है।
  • (2) किसानों की इनकम पर हो सकता है बड़ा फैसला-प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2016 में किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का आश्वासन दिया था। यह सरकार का बड़ा लक्ष्य है। लेकिन अब तक यह नहीं बताया गया है कि आखिर कमेटी के गठन के बाद से अब तक कितनी आय बढ़ गई है। इसलिए किसानों की आय बढ़ाने को लेकर सरकार कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

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  • हाई पावर कमेटी भी इस पर काम कर रही है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार,, 2013 में किसानों की औसत मासिक आय 6426 रुपए थी। जबकि खर्च 6223 रुपए था। कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा के अनुसार, 2016 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार देश के 17 राज्यों में किसानों की सालाना आय सिर्फ 20 हजार रुपए है। इसलिए सरकार किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज की जगह कमीशन फॉर फामर्स इनकम वेलफेयर का गठन करना चाहिए।
  • (3) किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज मुक्त लोन-बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट तीन लाख रुपए से बढ़ाई जा सकती है। अभी इस पर तीन लाख रुपए तक का लोन मिलता है। साथ ही सरकार केसीसी पर एक लाख रुपए तक का ब्याजमुक्त कर्ज दे सकती है।
  • बीजेपी ने लोकसभा इलेक्शन के लिए बनाए गए अपने संकल्प पत्र में वादा किया था कि वो दोबारा सत्ता में लौटी तो एक से पांच साल तक के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख का कृषि कर्ज देगी। बजट में इस वादे को पूरा होने की उम्मीद है। दरअसल, किसानों की सबसे अधिक मौत कर्ज के बोझ तले दबकर होती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से संसद में NSSO के हवाले से पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के हर किसान पर औसतन 47 हजार रुपए का कर्ज है। जबकि हर किसान पर औसतन 12130 रुपए का कर्ज साहूकारों का है।
  • (4) कम पानी वाली फसलों पर मिल सकता है प्रोत्साहन-नीति आयोग ने कहा है कि जल संकट के लिए सबसे धान और गन्ने की फसल भी जिम्मेदार है। इन दोनों फसलों में सबसे अधिक पानी की खपत है। दूसरी ओर जल संकट से पार पाने के लिए सरकार ने अभियान शुरू किया है। ऐसे में बजट में धान और गन्ने की फसल छोड़कर कम पानी वाली फसलों की खेती करने पर प्रोत्साहन मिल सकता है। हरियाणा पहला ऐसा राज्य है जिसने सबसे पहले इस हालात को गंभीरता से लेते हुए धान की खेती को डिस्करेज करने का न सिर्फ फैसला लिया बल्कि इसके लिए एक योजना भी बनाई।
  • इसके तहत दूसरी फसल पर प्रति एकड़ 2000 रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि हमारी सरकार किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक करने के लिए काम कर रही है। बीजेपी के संकल्प पत्र में हमने किसानों को लेकर जो वादे किए हैं वो हमारा विजन डाक्यूमेंट है। हम उसे पूरा करेंगे।

फोटो- फाइल

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