New Delhi. हालिया वर्षों के सबसे जबर्दस्त कांटे के नतीजे मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। काउंटिंग के 24 घंटे बीतने के बावजूद अभी अंतिम परिणाम नहीं आ सके हैं। चुनाव आयोग के सुबह साढ़े बजे के आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस 112 सीटें जीत चुकी है और 2 पर आगे चल रही है। इस तरह कांग्रेस 114 सीटों पर पहुंचती दिख रही है। दूसरी तरफ बीजेपी के खाते में 109 सीटें (108 पर जीत और 1 पर बढ़त) पहुंचती दिख रही है।
यदि यही नतीजे अंतिम रहते हैं तो इसको देखते हुए मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में अब निर्दलीयों, बसपा एवं सपा के पास की भूमिका अहम होने की उम्मीद है। ये ही अब तय करेंगे कि मध्य प्रदेश में किस पार्टी की सरकार बनेगी क्योंकि कोई भी दल 116 सीटों का बहुमत का जादुई आंकड़ा छूता नहीं दिख रहा है। प्रदेश की इन दोनों प्रमुख पार्टियों के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) को एक सीट बिजावर मिल गई है। वहीं, 4 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे। इनके अलावा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 2 सीटों पथरिया एवं भिंड में जीती है।
1. इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब आठ फीसदी बढ़ा। उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला। इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी, जबकि इससे पहले के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती थी, जिसके कारण उसे सत्ता से 15 साल तक बाहर रहना पड़ा था। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिये राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात का समय मांगा ।
2. कांग्रेस द्वारा अपने वचन पत्र (घोषणा पत्र) में मध्यप्रदेश के सभी किसानों को दो लाख रूपये तक कर्ज माफ करने एवं उनकी विभिन्न उपजों पर बोनस देने का वादा कांग्रेस के लिए इस विधानसभा चुनाव में फायदेमंद रहा। कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक मुख्य वजह रही। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों वादों को प्रमुखता से अपनी सभी चुनावी सभाओं में उठा कर लोगों को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित किया था।
3. राहुल की इस लोकलुभावन वादे से किसानों ने अपनी धान की फसल को बेचना बंद कर दिया था। उन्हें डर था कि यदि वे अपनी फसल को सरकारी उपार्जन केन्द्रों में बेचेंगे, तो उनकी उपज को बेचने के एवज में मिले रूपये सीधे उनके बैंक खाते में चले जाएंगे और बैंक खुद ब खुद (आटोमैटिकली) उनके खाते से उनके द्वारा लिये गये उस कर्ज के पैसे काट देंगे, जो कांग्रेस की सरकार आने में अपने आप माफ होने वाले हैं।
4. कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सभी किसानों को दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ करने के साथ-साथ किसानों को उनकी उपजों गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, मक्क्, सोयाबीन, सरसों, कपास, अरहर, मूंग, चना, मसूर, उड़द, लहसुन, प्याज, टमाटर एवं गन्ना पर बोनस देने के वादा किया था। इसके बाद किसानों ने अपनी इस बोनस का लाभ लेने के लिए भी अपनी उपजों को मंडी एवं बाजार में बेचना बंद कर दिया था, ताकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन पर बोनस भी लिया जा सके।
5. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भापजा ने 165 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस ने 58 सीटें, बसपा ने चार एवं तीन निर्दलीय के खाते में गये थे।