उत्तराखंड ।। कश्मीर मामले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जिद्द पाकिस्तान की ही थी। लेकिन इसका कदम का अभी-तक जो अंजाम पाकिस्तान को मिला है, उससे शायद पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आ गई होगी। संयुक्त राष्ट्र में हुई बेइज्जती के बाद अब पाकिस्तान को Afghanistan से झटका लगा है। Afghanistan ने साफ कर दिया कि कश्मीर मुद्दा अफगान शांति वार्ता से एकदम अलग है, इनका आपस में कोई रिश्ता नहीं है।
Afghanistan के दिग्गज राजनयिक ने अमेरिका में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को जवाब देते हुए यह बात कही है। अफगानी राजदूत ने कहा कि Afghanistan की शांति के लिए उठाए गए कदमों या प्रयासों को कश्मीर मुद्दे और वहां के ताजा हालात से जोड़ना जल्दबाजी, असावधानी और लापरवाही से भरा है। आपको बता दें कि पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान ने इससे पहले धमकी दी थी कि कश्मीर में जो हो रहा है, उसका प्रभाव Afghanistan में चल रही शांति के प्रयासों पर पड़ सकता है।
पाकिस्तान की तरफ से किए इस दावे को भ्रामक (गुमराह करने वाले) बताते हुए इस की लेकर Afghanistan की राजनयिक रोया रहमानी ने प्रश्न चिन्ह लगा दिया। रहमानी ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान के बयान की निंदा की। रविवार को उन्होंने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे के चलते पैदा हुए ताजा हालात Afghanistan में चल रही शांति वार्ता के प्रयासों को आखिरकार किस तरह प्रभावित कर सकते हैं? उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी राजनयिक का ये बयान असावधानी और लापरवाही से भरा है।
अन्य कई देशों की तरह रहमानी ने भी कश्मीर मुद्दे को हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला बताया। इसके बाद रहमानी ने ये भी कहा कि उनका देश मानता है कि कश्मीर मामले को Afghanistan के साथ जानबूझकर जोड़ने की पाकिस्तान की मंशा एक साजिश है। पाकिस्तान की ये जिद अफगान में फैली हिंसा को लंबा करने की एक सोची-समझी कोशिश है।
रहमानी ने आतंकियों पर कार्रवाई करने से बचने के लिए भी पाकिस्तान को लताड़ा। बयान में आगे बोले कि ये पाकिस्तान का तालिबान के विरूद्ध अपनी निष्क्रियता को सही ठहराने और आतंकी संगठनों के विरूद्ध निर्णायक कदम उठाने से बचने के लिए एक खराब बहाना है।