आॅफिस में ऐसे बनाएं सहकर्मियों से रिश्ता, नहीं होगी गलतफहमी

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डेस्क. हर ऑफिस के कुछ नियम होते हैं। नया काम सभी को लुभाता है लेकिन उत्साह के साथ थोड़ी घबराहट और एंग्जायटी का भी सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर टीम में नए सदस्य के आने से सहकर्मियों की ज‍िम्मेदारी भी बढ़ जाती है।office relationship colleagues misunderstood

नए ऑफिस में आपका स्वागत है! अब आप एक नए वर्क कल्चर का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जाहिर है….थोड़ी एंग्जायटी तो होगी ही। नए ऑफिस में बॉस की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के साथ ही कलीग्स की समीक्षात्मक निगाहों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में टीममेट्स के साथ मधुर व्यवहार किसी चुनौती से कम नहीं होता।

लेकिन यह तो सिक्के का एक पहलू है। दूसरा पहलू यह है कि पुरानी टीम के सामने भी नए से तालमेल बिठाने और बेहतर कामकाजी माहौल तैयार करने जैसी चुनौती होती है। कोई भी एक-दो दिन में पारंगत नहीं हो जाता, भले ही उसका कार्य-अनुभव कितना भी लंबा क्यों न हो।

इसकी वजह है-कार्य-संस्कृति का अलग होना। काम के घंटे, काम का तरीका, सॉफ्टवेयर, सिस्टम और काम की प्रकृति अलग हो सकती है। सभी को 1-2 महीने धैर्य रखते हुए नए सहकर्मी के कार्य और व्यवहार को समझना पड़ता है। बेहतर टीमवर्क के लिए दोनों ओर से धैर्य, सहयोग, संतुलन और मधुरता का परिचय देना पड़ता है।

कैसे बनाएं भरोसा

  1. नए वर्कप्लेस में सहकर्मियों और बॉस का भरोसा जीतने के लिए कुछ नियमों का पालन करें-

  2. नई जगह पर न तो पूरी तरह फ्रेंड्ली हो जाएं और न अलग-थलग रहें। प्रोफेशनल की तरह कार्य करें।

  3. कुछ दिन अच्छे श्रोता बन कर माहौल को परखें, कलीग्स को जानें और अपने काम पर फोकस करें।

  4. आप कितने भी वोकल, सहज और ट्रांसपेरेंट हों, नए ऑफिस में अपने व्यवहार में संयम और संतुलन बनाएं।

  5. अपने परिवार या कार्य के बारे में उतनी ही जानकारी दें, जितनी पूछी जाए। बढ़-चढ़ कर बताने की प्रवृत्ति नुकसानदेह साबित हो सकती है।

  6. पुराने ऑफिस की तारीफ या बुराई न करें। यह भी जरूरी है कि वहां के वर्क कल्चर, सैलरी या माहौल के बारे में अनावश्यक बातचीत न करें।

  7. सकारात्मक दृष्टिकोण से नए माहौल में तालमेल बिठाने में मदद मिल सकती है। जो भी काम दिया जाए, उसे तत्परता और उत्साह से तय समय पर पूरा करें। अगर कुछ समझ नहीं आ रहा तो चुप बैठने के बजाय संबंधित व्यक्ति से मदद लें। यह न सोचें कि इससे $गलत प्रभाव पड़ेगा।

  8. अपने लुक और बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें। ड्रेस कोड का पालन करें। अगर वहां यूनिफॉर्म है तो उसके अनुसार ही तैयार हों। बेहतर हो कि नई कंपनी के बारे में पहले ही होमवर्क कर लें ताकि बाद में कोई परेशानी न हो।

  9. ऑफिस जॉइन करने के बाद पहली मीटिंग में सुनने की आदत $फायदेमंद रहेगी। इसका मतलब यह नहीं है कि चुपचाप बैठे रहें। अपने काम या प्रेजेटेशन को संक्षिप्त और प्रभावी ढंग से रखें। दूसरे की बात न काटें और न यह दर्शाएं कि आप ही सही हैं।

  10. जितनी जल्दी नई कार्य-स्थितियों में एडजस्ट करेंगे, उतनी ही तेजी से आपकी और कंपनी की ग्रोथ होगी। खुद को अपग्रेड करने, वर्कशॉप या ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने या नई स्किल सीखने से पीछे न हटें। इसमें अतिरिक्त समय भी देना पड़े तो दें क्योंकि प्रोफेशनल कल्चर में लंबे समय तक कोई किसी की हेल्प नहीं कर सकता। इसलिए अपने काम में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए हरसंभव कोशिश करें।

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