मिशन 2019 को लेकर मायावती ने की ये बड़ी कार्रवाई, होंगी पीएम पद की दावेदार!

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नई दिल्ली।। बीएसपी अध्यक्ष मायावती 2019 को लेकर एकदम सजग हैं। इसी रणनीति के तहत उन्होंने अपने करीबी और पार्टी के उपाध्यक्ष रहे जयप्रकाश सिंह को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है। अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के सभी पदों से हटाने के बाद , अब बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ये एक और बड़ी कार्रवाही की है।

मायावती की अध्यक्षता में बीएसपी नेताओं की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मीटिंग के बाद पार्टी की ओर जारी बयान के अनुसार जयप्रकाश सिंह की ‘अनर्गल’ बयानबाजी को बीएसपी के सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुये उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत यह फैसला किया गया।

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दरअसल, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने यह कदम काफी सोच समझकर उठाया है। उनको अच्छी तरह मालूम है कि पार्टी में बिना अनुशासन के सफलता प्राप्त कर पाना बहुत मुश्किल है। इसीलिये मायावती द्वारा प्रदेश नेताओं को भविष्य में संभावित गठबंधन और चुनावी रणनीति से जुड़े किसी भी मुद्दे पर मीडिया में बयानबाजी करने से बचने की स्पष्ट हिदायद भी दे दी गयी है।

वर्ष के अंत में होने वाले तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी। सूत्रों की मानें तो, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ बीएसपी नेतृत्व की रणनीतिक चर्चाओं का शुरुआती चरण पूरा हो चुका है। इस बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग होकर अपनी अलग पार्टी का गठन कर चुके राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ भी हाल ही में मायावती की मुलाकात हो चुकी है।

सूत्रों की मानें तो बीएसपी अध्यक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष गठबंधन होने की स्थिति में तीनों राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ने की शर्त रखी है। कांग्रेस को लेकर गठबंधन का फैसला भी अंतिम चरण मे है। एेसे समय मायावती ने जयप्रकाश सिंह की ‘अनर्गल’ बयानबाजी पर कड़ी कार्रवाही कर, न केवल कांग्रेस बल्कि समूचे विपक्ष को ये सीधा संदेश दिया है कि सहयोगी दलों का बीएसपी में पूरा सम्मान है।

बीएसपी अध्यक्ष मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए में पीएम नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में मैदान में उतरेंगी। ज्यादातर बड़े विपक्षी दल मायावती के नेतृत्व को स्वीकार भी कर रहें हैं। एेसी स्थिति में मायावती किसी भी वजह से अपने विपक्षी साथियों में कोई गलतफहमी नही पैदा करना चाहती हैं।

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