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नई दिल्ली ।। भारतीय वायुसेना राफेल के बाद अब सबसे बड़ी फाइटर प्लेन डील करने जा रही है। ये डील 1500 करोड़ रुपए की होगी। जिससे इंडियन एयर फोर्स 114 फाइटर प्लेन खरीदेगी।

वायुसेना को यकीन है कि इस बार ये डील राफेल की तरह लंबी नहीं जाएगी। राफेल में दस साल का वक्त लग गया था। आपको बता दें कि राफेल डील 126 विमानों की थी। जिसे मोदी सरकार ने केवल 36 विमानों का कर दी थी। एयर फोर्स को मौजूदा वक्त में फाइटर प्लेन की आवश्यकता है। ताकि देश की हवाई सीमा को मजबूती दी जा सके।

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एयर फोर्स के साथ डील करने के लिए रूस और अमेरिका की कई कंपनियों में होड़ लगी हुई हैं। जिसमें कई कंपनियां ग्लोबल रूप से काफी बड़ी और नामी भी हैं। इन कंपनियों में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन इंडिया, यूरोफाइटर, रशियन यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन और साब हैं। जो लगभग 1500 करोड़ डॉलर के अनुबंध की दौड़ में हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भारत सरकार और एयर फोर्स ने फ्रांसिसी कंपनी राफेल के साथ डील की थी।

हिंदुस्तान के साथ फाइटर प्लेन का सौदा करने के लिए विमान निर्माता कंपनियां अच्छे ऑफर्स भी दे रीही हैं। अमरीकी कंपनियों की बात करें तो भारत में F-16 और F-16 जेट की उत्पादन लाइनें स्थापित करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर रूस 36 और राफेल की आपूर्ति संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।

इंडियन फोर्स आर्मी चाहती है कि जल्द से जल्द लड़ाकू विमानों की नई लाइन शामिल हो जाए, क्योंकि लड़ाकू विमानों की कमी के कारण इंडियन फोर्स आर्मी के युद्ध से संबंधित योजनाओं पर बहुत प्रभाव पड़ा है। आपको बता दें कि अमेरिकी और रूसी कंपनियों ने इससे पहले मीडियम मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) नीलामी प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया था।

फोटो- फाइल

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