नई दिल्ली।। कांग्रेस राफेल सौदे का मुद्दा लगातार चर्चा में बनाये रखना चाहती है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की रणनीति ‘राफेल डील’ को ‘बोफोर्स घोटाले’ की तर्ज पर भुनाने की है। सूत्रों की मानें तो इसी रणनीति के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे को लेकर रोजाना कोई न कोई टिप्पणी करते रहते हैं। अब राहुल गांधी ने TWEET कर पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है कि, 10 दिन पुरानी कंपनी को विमान बनाने का ठेका दिलाने के पीछे पीएम मोदी का विशेष प्रेम है।
गौरतलब है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुये आरोप लगाया था कि तत्कालीन UPA सरकार की डील रद्द कर फ्रांस के साथ नयी डील करने के पीछे ‘मकसद’ एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाना था। मोदी सरकार पर अपने हमले को और धार देते हुये राहुल गांधी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ में छपी एक खबर का हवाला देते हुये TWEET किया है कि–
मि. 56 आखिरकार किसी से प्यार भी करते हैं।
1- सूट जरूर पहनता हो
2- 45,000 करोड़ का कर्ज जरूर हो
3- कंपनी दस दिन पुरानी जरूर हो
4- विमान कभी न बनाया हो
ईनाम 4 बिलियन डॉलर तक तका ठेका, अगर आप ये शर्ते पूरी करते हैं।
Mr 56 does ÔØñ´©Å someone after all.
1. Must wear a suit
2. Must have 45,000CR debt
3. Must have a TEN day old company.
4. Must never have made an aircraft in his life.Rewards of up to $4 billion in ÔÇ£off setÔÇØ contracts if you fulfil said criteria. https://t.co/243CSV1cep
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 25, 2018
दरअसल UPA सरकार ने जब राफेल सौदा किया था, तब अनिल अंबानी की कंपनी ‘रिलायंस डिफेंस’ का कोई नामोनिशान तक नहीं था। इस कंपनी का गठन मार्च 2015 में हुआ और इसके करीब डेढ़ साल बाद माह सितंबर वर्ष 2016 में मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल विमान के लिये नया सौदा किया। वहीं दिलचस्प बात यह है कि पीएम मोदी ने ‘रिलायंस डिफेंस’ की भारत में स्थापना के 13 दिन बाद ही फ्रांस के अपने दौरे पर 10 अप्रैल, 2015 को राफेल सौदे की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर, 2017 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गये एक पत्र में अनिल अंबानी ने कहा था कि ‘रिलायंस डिफेंस’ को राफेल विमान बनाने का काम इसलिये मिला क्योंकि कंपनी के पास पानी वाले जहाज यानि शिप बनाने का अनुभव था।
इस पत्र में अनिल अंबानी ने लिखा था कि, “मुझे यह जानकर व्यक्तिगत रूप से काफी दुख हुआ है कि कांग्रेस के कुछ नेता मेरे और मेरे समूह के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दे रहे हैं। साथ ही दसॉ के साथ हमारे जेवी के बारे में भी तमाम तरह की टिप्पणियां की गई हैं। कांग्रेस के आपके कई सहयोगियों ने कहा है कि रिलायंस को डिफेंस सेक्टर का कोई अनुभव नहीं है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि ‘रिलायंस डिफेंस’ के पास गुजरात के पिपावाव में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड है।”
अनिल अंबानी ने यह भी लिखा, “राहुल जी, मेरे सम्माननीय पिता स्वर्गीय पद्मविभूषण श्री धीरूभाई अंबानी ने तो औपचारिक शिक्षा भी हासिल नहीं की थी। उन्हें कोई भी अनुभव या विरासत हासिल नहीं था, लेकिन उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल एवं रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स स्थापित किया और एक दृष्टि वाले उद्यमी के रूप में उन्होंने भारत में कई बड़े उद्यम स्थापित किये।”
पत्र में अनिल अंबानी ने राहुल से मुलाकात का भी अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा कि यदि राहुल जल्दी मिलने का समय दें तो उन्हें बड़ी खुशी होगी।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिसंबर, 2017 में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुये कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को नजरअंदाज कर अनिल अंबानी की ‘रिलायंस डिफेंस लिमिटेड’ के पक्ष में फैसला लिया, जिसे हवाई जहाज बनाने का कोई अनुभव नहीं है।