सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया राफेल पुनर्विचार याचिका, मोदी सरकार को राहत

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लोकसभा चुनाव के पहले से ही चल रहे राफेल विवाद एक बाद फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था, लेकिन इस बार मोदी सरकार को अदालत से एक बड़ी राहत मिली है. आपको बता दें कि प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला पढ़ते हुए याचिकाकर्ताओं के द्वारा सौदे की प्रक्रिया में गड़बड़ी की दलीलें खारिज की हैं.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हमें ऐसा नहीं लगता है कि इस मामले में कोई प्रथिमिकी दर्ज होनी चाहिए या फिर किसी तरह की जांच की जानी चाहिए. अदालत ने आगे कहा कि हम इस बात को नज़रअंदाज नहीं कर सकते हैं कि अभी इस मामले में एक कॉन्ट्रैक्ट चल रहा है. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा हलफनामे में हुई भूल को स्वीकार किया है.

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वहीं जानकारी अनुसार राफेल विमान डील मामले में शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण समेत अन्य लोगों की ओर से पुनर्विचार के लिए याचिका दाखिल की गई थी. इस मामले में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने फैसला सुनाया है.

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पुनर्विचार याचिका में क्या था

कोर्ट में दायर याचिका में डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. साथ ही ‘लीक’ दस्तावेजों के हवाले से आरोप लगाया गया था कि डील में PMO ने रक्षा मंत्रालय को बगैर भरोसे में लिए अपनी ओर से बातचीत की थी. कोर्ट में विमान डील की कीमत को लेकर भी याचिका डाली गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में कहा था कि बिना ठोस सबूतों के वह रक्षा सौदे में कोई भी दखल नहीं देगा.

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हालांकि ये मुद्दा लोकसभा चुनाव के समय से ही गरम है, इसको लेकर राजनीति भी काफी की गई. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी का भी घेराव करते हुए कहा था कि चौकीदार चोर हैं. हालांकि कुछ राहुल गाँधी ने कुछ सबूतों का ज़िक्र भी किया था, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद इसके कोई मायने नहीं रहते है.

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