टोरंटो। आपका बच्चा पढ़ता तो है लेकिन उसे लेसंस याद नहीं होते उसे तेज सवार में पढने को कहें। एक रिसर्च में पता चला है कि जोर-जोर से पढने से लंबी अवधि की याददश्त बढ़ती है। इस नए रिसर्च के मुताबिक, बोलने और सुनने की दोहरी कार्यविधि ‘उत्पादन प्रभाव’ का याददाश्त पर लाभकारी असर होता है।
जब हम किसी शब्द को बोलते हैं या सुनते हैं तो जाना-पहचाना बन जाता है। इसकी वजह से वो मस्तिष्क में ज्यादा समय के लिए बना रहता है। कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कोलिन एम। मैकलियोड ने कहा, “अध्ययन में सक्रिय सहभागिता से सीखने और स्मृति के फायदे की पुष्टि होती है।
उन्होंने आगे बताया कि जब हम सक्रिय उपाय या उत्पादन तत्व किसी शब्द के साथ जोड़ते हैं, तो वह शब्द ज्यादा विशिष्ट बनकर हमारी लंबी अवधि की स्मृति में रहता और वह स्मरणीय बन जाता है। इस शोध को मेमरी नमक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इसमें शोधकर्ताओं ने सिखने की चार विधियों का परिक्षण कर उसके परिणाम बताये हैं। इसमें शांत होकर पढ़ना, किसी को पढ़कर सुनाना, अपने पढ़े हुए को रिकॉर्ड करके सुनना और जोर से पढ़ना शामिल था। इस रिसर्च के नतीजें बताते हैं कि जोर जोर से पढ़ें से हमारी याददाश्त बढती है।
मैकलियोड ने बताया, “अध्ययन बताता है कि कार्य करने के विचार या क्रियाशीलता भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।” यह अनुसंधान पूर्व के अध्ययनों पर आधारित है, जिसमें यह बताया गया है कि गतिविधियों का उत्पादन प्रभाव जैसे- शब्द लिखना और टाइप करना, से आखिरकार स्मृति बढ़ती है।