रुपए में गिरावट होने से इस देश से लोन लेने के लिए टूट पड़े लोग !

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बिजनेस डेस्क. दिनों दिन डॉलर के महंगा होने से भारतीय कंपनियों में समुराई लोन यानी जापान से कर्ज लेने की होड़ बढ़ गई है। जापान में बेहद कम ब्याज दरों के कारण और फंड की उपलब्धता से भारतीय कंपनियां उनसे कर्ज लेने की ओर आकर्षित हो रही हैं।

रुपए में गिरावट होने से इस देश से लोन लेने के लिए टूट पड़े लोग !

जापान में वित्तीय फंड वाली बड़ी कंपनियों को पहलवानों की तरह समुराई कहा जाता है और इनसे लिए कर्ज को भी समुराई लोन बोलते हैं। जापान से कर्ज में इस साल छह फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 84.6 करोड़ येन पहुंच गया है। पॉवर ग्रिड कारपोरेशन, इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन जैसे सार्वजनिक उपक्रम ऐसा कर्ज लेने में आगे हैं। यह वर्ष 2006 के बाद सबसे ज्यादा जापानी कर्ज है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी बैंक अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और उभरते देशों की मुद्राओं में उथल-पुथल के बाद भारत समेत उभरते देशों को कर्ज देने में हिचकिचा रहे हैं।

दक्षिण एशियाई देशों में फंसे कर्ज का अनुपात बेहद ऊंचे स्तर पर होने के कारण घरेलू बैंकों से भी ऋण नहीं मिल रहा है। ऐसे में समुराई लोन आकर्षक विकल्प बन गया है।

ग्रामीण विद्युतीकरण निगम ने भी मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंसियल से 9.2 करोड़ येन का कर्ज लिया है। यह डॉलर के मुकाबले 50 फीसदी सस्ता है। जबकि अमेरिकी कर्ज 13 अरब डॉलर से घटकर 10 अरब डॉलर आ गया है।

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