अजब-गजब ।। दिल से जब कोई बात कही जाती है तो वो शायरी बन जाती है। महज चंद लफ्ज़ों का ताना बाना ही शायरी नहीं कहलाती है। अगर उसमें एहसास की खुशबू नहीं है तो वह महज शब्दों की बनावट ही रह जाएगी।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि शायरी में जज़्बात की महक बरकरार रहे। तो चलिए दोस्तों इसी बात पर हम आपके लिए कुछ ऐसी ही चंद पंक्तियां लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़कर यकीनन आपके अंदर के समंदर में हलचल मच जाएगी। अंत में हमें जरूर बताएं कि आपको शायरी कैसी लगी?
हर शख़्स में अपना अक्स तलाशते हैं
बड़ी ख़ामोशी से लब लफ़्ज़ तलाशते हैंमिलके भी मिलता नहीं, शिकायत यही रहती है क्यों
ग़ैरों में हम अपने जैसा शख़्स तलाशते हैंइसे तन्हाई का तकाज़ा कहे, या शायर का वहम
ग़ज़ल में लोग आजकल नज़्म तलाशते हैंये दुनिया वाले हैं, इन्हें क्या फर्क़ पड़ता हैं
ये तो मौत में भी एक रस्म तलाशते हैं।आंसुओं को छुपाने की हर कोशिश बेकार हो जाती हैं
बेचैनियां जिस वक्त मेरे सिर पे सवार हो जाती हैंलाख मनाओ इस दिल को, दिल है ये माने कहां
दिल को मनाने की ज़िद में ज़िंदगी मज़ार हो जाती हैकिसी से दिल मिलता नहीं, किसी से दिल भरता नहीं
पता नहीं क्यों मुझसे यही ख़़ता हर बार हो जाती हैएक अलविदा कहने में ये ज़ुबान बेज़ुबान हो जाती है
जो अलविदा कह दे कोई तो ज़िंदगी इंतज़ार हो जाती है।दर्द महसूस भी होता है, दिल आज भी तड़पता है
तेरी एक झलक के लिए दिल आज भी तरसता हैबहुत ढ़ूंढा मैंने तुझको, ना मिली तू मुझको
तेरे इंतज़ार में बेक़रार दिल आज भी धड़कता हैमोहब्बत को मेरी मज़बूरी समझ बैठी
होके वो दूर, दूरियों को ज़रूरी समझ बैठीमैं करता रहा इंतज़ार, हर पल पल-पल उसका
वो नज़दीकियों का मतलब दूरी समझ बैठी…