उत्तर प्रदेश ।। सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने लोकसभा चुनाव 2019 में दम दिखाने की तैयारी की है। 22 अक्टूबर को इलाहाबाद में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में रैली का आयोजन किया गया है। यूपी में 100 रैली के माध्यम से पार्टी अपना संगठन मजबूत करना चाहती है। AIMIM जानती है कि लोकसभा चुनाव 2019 अकेले लड़ना आसान नहीं है इसलिए महागठबंधन के साथ जाने का विकल्प खुला रखा गया है लेकिन शिवपाल यादव के साथ जाने पर अंतिम निर्णय नहीं किया गया है।
AIMIM ने पहले ही कहा था कि यदि मायावती व अखिलेश यादव का महागठबंधन में पार्टी को शामिल किया जाता है तो इस पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। बीजेपी को चुनाव जीतने से रोकना है तो सभी बड़े दलों को मिल कर चुनाव लडऩा होगा। ऐसा नहीं किया गया तो बीजेपी को सबसे अधिक लाभ पहुंच सकता है।
पार्टी ने कहा था कि हमारी पार्टी रालोद से बड़ी है और हमारे सांसद व विधायक तक हैं ऐसे में महागठबंधन में रालोद को शामिल करने की बात की जा रही है जिसका प्रभाव कुछ ही हिस्से में है जबकि हमारे समर्थक यूपी में सभी जगहों पर है इसलिए बीजेपी को रोकने के लिए AIMIM को महागठबंधन में शामिल करना होगा।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली माहुली ने कहा है कि शिवपाल यादव के मोर्चा से उनका गठबंधन होगा कि नहीं। यह निर्णय असदुद्दीन ओवैसी अपने स्तर से करेंगे। सीएम योगी सरकार में जिस तरह से शिवपाल यादव व राजा भैया को सरकारी सुविधा दी जा रही है उससे सभी को पता चल चुका है कि शिवपाल यादव को बीजेपी का पूरा समर्थन मिला है। कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब है इसलिए कांग्रेस अपने बल पर बीजेपी को रोकने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को रोकने के लिए सभी दलों को एक साथ आना होगा।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का गठबंधन शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा से होता है तो यह बीजेपी के लिए राहत वाली खबर हो सकती है यदि ऐसा नहीं हुआ तो भगवा दल की परेशानी बढऩा तय है। अखिलेश यादव, राहुल गांधी व मायावती के एक साथ आने से मुस्लिम वोटों में बंटवारा नहीं हो पायेगा। ऐसे हाल में AIMIM भी महागठबंधन में शामिल हो जाता है तो बीजेपी का तीन तलाक मुद्दा भी नाकाम साबित हो सकता है इसलिए बीजेपी चाहती है कि शिवपाल यादव व असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM में गठबंधन हो जाये। इससे चुनाव जीतने में आसानी हो सकती है।
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