लखनऊ।। उत्तर प्रदेश की सियासत ने करवट बदली है। सपा और बसपा ने लोकसभा उप चुनाव को लेकर गठबंधन का ऐलान कर दिया है। हालाँकि सपा-बसपा के गठबंधन के ऐलान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि इस गठबंधन से भाजपा का वोटबैंक बढ़ेगा।
दोनों ही लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की स्तिथि को कमजोर देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। सपा के बसपा भी अब किसी भी कीमत पर भाजपा के बढ़ते रथ को रोकना चाहती है।
ऐसे में बसपा के द्वारा सपा प्रत्यासी को समर्थन की घोषणा से भारतीय जनता पार्टी में खलबली मच गयी है। गोरखपुर में जहाँ पिछड़ी जाति और अनुसूचित जातियों की कुल आबादी 85 फीसदी है जिसमें से 25 प्रतिशत दलित वोट है।
वहीँ 60 फीसदी वोटों में 10 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। ऐसे में भाजपा के हाथ से दोनों लोकसभा सीट हाथ से निकल सकती है।
बसपा द्वारा सपा प्रत्यासी को समर्थन देने से भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त मिलना तय माना जा रहा है। इस चुनाव में मायावती द्वारा नियुक्त बहुजन समाज पार्टी के कोऑर्डिनेटर सपा के लिए जनता के बीच में जाकर वोट मांगेंगे।