ये हैं डायबिटीज होने के तमाम लक्षण, यहां जानिए बचाव के सारे उपाय !

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हेल्थ डेस्क. यह तथ्य चिंताजनक है कि दुनिया में डायबिटीज (मधुमेह) से ग्रस्त सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं। डायबिटीज एक ऐसा रोग है, जिस पर अगर नियंत्रण न किया गया, तो यह कई रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं को बुलावा देता है।

डायबिटीज

अनियंत्रित डायबिटीज के कारण कालांतर में हाई ब्लड प्रेशर, हृदय और किडनी आदि से संबंधित रोग होने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन कुछ सजगताएं बरतकर इस मर्ज को नियंत्रित किया जा सकता है…

शुगर का स्तर

सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में खाली पेट रहने पर रक्त में शुगर का स्तर 70 से 99 एम.जी. / डी.एल. रहता है। खाने के बाद यह स्तर 139 एम.जी. / डी.एल. से कम होता जाता है, पर डायबिटीज हो जाने पर यह स्तर सामान्य नहीं हो पाता।

इन्हें हैं ज्यादा खतरा

यदि आपके माता-पिता को डायबिटीज है। डायबिटीज आनुवांशिक कारणों से भी संभव है।
आपका वजन सामान्य से अधिक है।
आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है।
आप व्यायाम नहीं करते।

यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की समस्या रही हो। अगर किसी महिला को 4 किलोग्राम से ज्यादा वजन का बच्चा पैदा हुआ हो, तो उस महिला में डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है।

स्वयं की ऐसे करें देखभाल

सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट मेदांता दि मेडिसिटी, गुरुग्राम के डॉ.अंबरीश मित्तल का कहना है कि लक्ष्य यह है कि आप अपना ब्लड शुगर जहां तक हो सके सामान्य रखें। इसके लिए आप…

नियमित रूप से ग्लूकोमीटर से ब्लड शुगर की जांच करें।
संतुलित और पोषक आहार लें। फैट का सेवन कम करें।
20 ग्राम फाइबर हर दिन खाएं। जैसे सब्जियां, साबुत दाल, साबुत फल आदि।
मैदा का सेवन न करें और मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम जरूर करें।
दवाएं और इंसुलिन समय पर लें।
ग्लूकोज स्तर की जांच करवाएं।
ग्लूकोज स्तर का कम होना या फिर ज्यादा होने के लक्षणों को पहचानें।
अगर वजन ज्यादा है, तो वजन कम करें। मोटापा डायबिटीज से होने वाली जटिलताओं को और बढ़ा देता है

वजन को नियंत्रित करें
आमतौर पर डायबिटीज जीवनशैली से संबंधित बीमारी है। इसलिए दवाओं के अलावा इस मर्ज के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है।

ये हैं कारण
अस्त-व्यस्त दिनचर्या, बेवक्त खानपान, सोने और उठने का कोई एक निश्चित नियम न होना और भागमभाग वाली अत्यधिक तनावपूर्ण जीवनशैली डायबिटीज के कुछ प्रमुख कारण हैं। हालांकि आनुवांशिक कारणों से भी यह रोग संभव है।

संभव है रोकथाम
बहरहाल, व्यवस्थित जीवनशैली से डायबिटीज को काफी हद तक रोका जा सकता है या इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम, योग, संतुलित आहार के साथ नियंत्रित वजन व दवाओं से इस मर्ज की रोकथाम संभव है।

मोटापा और डायबिटीज
अनियंत्रित शारीरिक वजन तमाम बीमारियों को बुलावा देता है। जैसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर आदि। एक अध्ययन के अनुसार अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त लगभग 80 फीसदी लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं। ऐसा देखने में आया है कि यदि डायबिटीज वाले अपना शारीरिक वजन नियंत्रित कर लें, तो डायबिटीज भी काफी हद तक नियंत्रित हो जाती है। यही नहीं, मोटापे के कारण शरीर पर पड़ने वाले अनेक दुष्प्रभावों से भी छुटकारा मिल सकता है।

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