ये बैंक विजय माल्या के महल पर करेगा कब्जा, लेगा पाई-पाई का हिसाब

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नई दिल्ली ।। सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या की लंदन की आलिशान हवेली उनसे छिन सकती है। स्विस बैंक UBS AG ने विजय माल्या, उनकी मां और उनके बेटे को लंदन के रेजेन्ट पार्क स्थित करोड़ों की इस हवेली से निकालने के लिए कोर्ट का रुख किया है। बैंक ने प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए हाई कोर्ट में अपील की है। खबर है कि इस हवेली को गिरवी रखकर लोन लिया गया था जिसे तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी चुकाया नहीं गया है।

रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड कंपनी, विजय माल्या, उसकी मां ललिता माल्या और बेटे सिद्धार्थ माल्या के खिलाफ कोर्ट में इस केस की सुनवाई 24 अक्टूबर 2018 को होगी। रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड ने USB से इस प्रॉपर्टी के ऐवज में 2।04 करोड़ पाउंड (195 करोड़ रुपए) का लोन लिया था। रोज कैपिटल के शेयर ग्लाडको के पास हैं जिसका मालिकाना हक माल्या परिवार के सिलेता ट्रस्ट के पास है। माल्या ने अपने बचाव में इसकी पुष्टि भी की है।

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UBS का कहना है कि लोन की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद माल्या परिवार से प्रॉपर्टी को खाली करने के लिए कहा गया है लेकिन उन लोगों ने बाहर जाने से इनकार कर दिया है। इस लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को रोज कैपिटल ने 3 अक्टूबर 2005 को 54 लाख पाउंड (करीब 52 करोड़ रुपए) में खरीदा था। इस प्रॉपर्टी का फ्री होल्ड अधिकार क्राउन एस्टेट के पास है। बैंक ने कोर्ट से बकाया राशि चुकाने और प्रॉपर्टी को खाली करने का आदेश देने की अपील की है।

बैंक के मुताबिक 1 सितंबर 2017 तक 198 करोड़ रुपया बकाया था। वहीं दावे के मुताबिक, UBS ने 9 जून 2016 में ही लोन को रद्द कर दिया था।। लोन की वापसी नहीं होने की वजह से बैंक ने नवंबर 2016 में बकाया वसूली और प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए कार्रवाई शुरू की थी। गौरतलब है कि विजय माल्या भारतीय बैंकों से करीब 9 हजार करोड़ रुपए का लोन लेकर फरार हो गए हैं। सरकार उन्हें भारत वापस लाने के लिए प्रत्यपर्ण की कोशिश में जुटी है। फिलहाल यह मामला कोर्ट में है।

फोटो- फाइल

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