डेस्क ।। आज विश्व में सभी लोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। जिसके चलते आज हम आपको इसकी कुछ विशेष बताएंगे। योगाचार्य कहते है कि योग के बल पर आप सौ साल की उम्र में भी स्वस्थ रह सकते हैं।
योगाचार्य का कहना है कि हमारे शरीर में वात, पित्त व कफ को मात्र 3 आसनों- सर्वांगासन, भुजंगासन और पश्चिमोत्तासन के जरिए संतुलित रखा जा सकता है। इसे त्रिकुटासन कहते हैं और यदि ये त्रिदोष (वात, पित्त कफ) संतुलित अवस्था में रहें तो हमें कोई बीमारी होगी ही नहीं।
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आपको बता दें कि योग में ऐसी मुद्रा हैं जिनसे बल पर अपनी छठी इंद्रीय को जागृत किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए काफी मेहनत की जरूरत पड़ती है। खेचरी मुद्रा, वज्रोली मुद्रा जैसी मुद्राएं व्यक्ति को अमरत्व के करीब ले जाती हैं। सही मायने में एक योगी अपनी इच्छा से मृत्यु को प्राप्त होता है।
तो वहीं सबसे कठिन आसनों में योग बद्र आसन, विस्तृत शरीर वक्षभू स्पर्श आसन, गर्भ आसन, योग निद्रासन, गरुड़ासन आदि में निपुण योगाचार्य का यह भी कहना है कि योग निद्रासन में व्यक्ति 15 मिनट में 8 घंटे की नींद ले सकता है।