नई दिल्ली ।। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने हिंदुस्तान को नसीहत दी है कि वह अफानिस्तान के युद्ध में खुद भी शामिल हो। वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों से लड़ाई में हिंदुस्तान के साथ रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को भी साथ देना चाहिए।
ट्रम्प ने सवाल उठाए कि 7,000 मील से अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकियों से लोहा ले रहा है। मगर बाकी देश मूक दर्शक बने देख रहे हैं, उनका सहयोग बिल्कुल नहीं मिल रहा है। जहां कहीं भी ISIS की मौजूदगी है, किसी न किसी समय उन देशों को उनसे लड़ना होगा।
अमेरिका हिंदुस्तान से ये उम्मीद चौंकाने वाली है। इसका कारण ये है कि अभी तक हिंदुस्तान ने अफगानिस्तान में रचनात्मक और विकास कार्यों में ही अपना योगदान दिया है। हिंदुस्तान ने ना तो आतंकवाद निरोधी अभियानों में हिस्सा लिया है और न ही कभी खुद सैन्य ऑपरेशनों में शामिल होना चाहता है। यह रणनीति खुद अमेरिका द्वारा ही तय की गई थी।
इराक और सीरिया में लगभग अपनी जमीन खो चुके आतंकी संगठन ISIS अब अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत करने में लग गया है। अफगानिस्तान में अभी हाल ही में एक आत्मघाती हमले में 63 लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रम्प अफगानिस्तान में दशकों चले युद्ध से अपनी सेना को बाहर निकालना चाहते हैं। अमेरिकी आर्मी सितंबर 2001 से ही अफगानिस्तान में मौजूद रही है और अब लगभग 18 साल बीत जाने के बाद अमेरिका दूसरे देशों से योगदान देने की अपील कर रहा है।