लखनऊ।। यूपीएसआईडीसी के एमडी रणवीर प्रसाद अब खुलकर मनमानी पर उतारू हो गये हैं। उनका ये रवैया किसी हिटलर से कम नहीं। अभी हाल ही में नियम-कानून को ताक पर रखकर एक मृतक आश्रित की नियुक्ति करने का मामला मीडिया की सुर्खियां बना था। कर्मचारी नेता चंद्रदीप श्रीवास्तव और एमडी रणवीर प्रसाद के बीच ऐसी कौनसी अदावत चल रही है कि एक तरफ जहाँ चंद्रदीप श्रीवास्तव की पत्नी जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं वहीं एमडी रणवीर प्रसाद चंद्रदीप को आगरा में तैनाती देकर उसे परेशान कर रहे हैं।
बतादें कि चंद्रदीप की पत्नी को बल्ड-कैंसर है। वह ब्लीडिंग से मर रही है, लेकिन रणवीर प्रसाद ने चंद्रदीप का ट्रांसफर आगरा कर दिया है और इतना ही नहीं उनका कई महीने का वेतन भी बिना किसी कारण के रोक दिया है। अपनी पत्नी का इलाज करवाने में नाकाम चंद्रदीप की पत्नी की हालत दिन-पर-दिन बिगड़ती जा रही है, लेकिन रणवीर प्रसाद न तो चंद्रदीप के ट्रांसफर ऑर्डर पर दस्तखत करना चाहते हैं और न ही उनका वेतन देना चाहते हैं। एमडी द्वारा बिना किसी कारण के चंद्रदीप श्रीवास्तव का वेतन भी रोक दिया गया है।
इधर चंद्रदीप की पत्नी की हालत अब गंभीर हो चली है है। उन्हें कानपुर के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है जहाँ उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। हालत को देखते हुए उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो एमडी रणवीर प्रसाद निगम के भ्रष्ट अफसरों के रैकेट के मकड़जाल में फंस चुके हैं और उस रैकेट के इशारों पर ही चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस रैकेट में फंसे एमडी रणवीर प्रसाद को ये भी मालूम नहीं रहता कि उनसे कौनसी फाइल पर दस्तखत करवाया जा रहा है। वहीँ कुछ लोगों का यह भी मानना है कि निगम में सारे उलटे-सीधे काम एमडी के ही इशारे पर हो रहे हैं। निगम में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है और जो भी कर्मचारी या अधिकारी निगम के भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश करता है उसके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है और न मानने पर उसका ट्रांसफर करके उसे तरह तरह से परेशान किया जाता है।