बढ़े चालान शुल्क के विरोध में झुकी उत्तराखंड सरकार, जनता को दी राहत

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नैनीताल ।। नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद देशभर में भारी भरकम चालान शुल्क का विरोध देख राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर राहत देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। मंगलवार को गुजरात की भाजपा सरकार ने छूट की घोषणा की तो 24 घंटे बाद ही उत्तराखंड भी उसके रास्ते पर चल पड़ा। यहां भी भाजपा की सत्ता में है और बुधवार को राज्य सरकार ने भी कई नियमों में छूट देने की घोषणा की।

संशोधित चालान शुल्क की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। उधर, कर्नाटक के सीएम कार्यालय ने भी कहा है कि वह भी गुजरात की राह पर चलने की योजना बना रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने केंद्र ने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। मालूम हो कि दिल्ली सरकार भी अपने दायरे में आने वाले चालान शुल्क कटौती पर विचार कर रही है।

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उत्तराखंड सरकार ने नए नियमों में बदलाव करते हुए बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 कर दिया है। केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये पड़ने वाले फाइन को बढ़ाकर 5,000 कर दिया था। इसके अलावा लाइसेंस निरस्त करने के बाद भी वाहन चलाते हुए पाए जाने पर प्रदेश में 10,000 की जगह 5,000 रुपये का ही चालान काटा जाएगा। वहीं, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये का चालान किया जाएगा।

कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि बुधवार को अधिकारियों को चालान शुल्क में कटौती के गुजरात मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि वैसे ही नियम लागू किए जा सकें। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में यहां भी लोगों को ट्रैफिक चालान पर छूट की घोषणा की जा सकती है।

इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा मोटर वीइकल्स एक्ट में संशोधन के महज 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने मंगलवार को कई जुर्माने घटा दिए थे। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को गुजरात सरकार ने 25फीसदी से 90फीसदी तक कम कर दिया था। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसके लिए मानवीय आधार को कारण बताया था।

फोटो- फाइल

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