वर्जिनिटी टेस्ट के खिलाफ उठाई आवाज तो महिला को मिली ये सजा

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उत्तराखंड ।। कंजरभाट समुदाय में होने वाले ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ के खिलाफ विरोध करने वाली एक महिला कार्यकर्ता को महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में नवरात्रि दंडिया उत्सव में भाग लेने से रोक दिया गया। 23 साल की ऐश्वर्या भट-तमाईचिकार और उनके पति उस प्रथा के खिलाफ ‘स्टॉप दी V-रिवाज’ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें कंजरभाट दुल्हन को शादी की पहली रात कौमार्य परीक्षण से गुजरना पड़ता है।

ऐश्वर्या ने कहा, ‘पिंपरी चिंचवाड़ में एक पुलिस शिकायत दायर की है, मेरे समुदाय के लोगों ने मुझे नवरात्रि दंडिया में भाग लेने की इजाजत नहीं दी। मुझे बताया गया कि मैंने कौमार्य परीक्षण का विरोध करके कंजरभाट समुदाय का नाम खराब किया है, जो कि हमारे समुदाय में आम है।’

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घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘दंडिया कार्यक्रम मेरे समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा आयोजित किया गया था। जब दांडिया खेला जा रहा था, अचानक संगीत बंद हो गया और जब सब लोग अनजान दिख रहे थे, तो मेरी मां मेरे पास आई और मुझसे घर आने के लिए कहा। हालांकि, जब मैंने विरोध किया, तो उसने मुझे बताया कि समुदाय के सदस्य खुश नहीं थे कि मैंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।’

ऐश्वर्या ने कहा, ‘मैंने जगह छोड़ी, इसके बाद आयोजकों ने दंडिया फिर से शुरू किया, जिसने पुष्टि की कि वे मुझे भाग लेने से रोकना चाहते हैं।’

घटना का विरोध करते हुए, कार्यकर्ता के पति विवेक तमाईचिकार ने कहा, ‘हमने कंजरभाट समुदाय में अभी भी प्रचलित कौमार्य परीक्षण के खिलाफ विरोध किया। इसके कारण, मेरी पत्नी को समुदाय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने से इनकार किया गया। यह असंवैधानिक है।’

पुलिस ने सामाजिक बॉयकॉट (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2016 के तहत कंजरभाट समुदाय के आठ सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। डीसीपी पिंपरी-चिंचवाड़ ने कहा, ‘उसने शिकायत की थी कि कंजरभाट समुदाय में प्रचलित कौमार्य परीक्षण का विरोध करने के कारण उसे दंडिया समारोह में भाग लेने की इजाजत नहीं दी। प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटना की जांच की जाएगी।’

फोटो- फाइल

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