विश्वकर्मा समाज अपने हक़ और अधिकार के लिए सड़क से संसद तक लड़ेगा- राम आसरे

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लखनऊ।। प्रदेश की राजधानी में 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर समाजवादी पार्टी मुख्यालय में विश्वकर्मा समाज का अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम करके वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने ये जता दिया कि वो ही समाज के सबसे बड़े नेता हैं। वहीँ विश्वकर्मावंशियों की संख्या और उत्साह देखकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये विश्वकर्मा समाज के लोगों का आह्वान किया कि वो समाज विरोधी बीजेपी की सरकार को सबक सिखाते हुए उसके खिलाफ वोट करें।साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने विश्वकर्मा समाज को राजनीति में हमेशा भागीदारी देने का काम किया है। उन्होंने विश्वकर्मावंशियों को आश्वस्त किया कि समाजवादी सरकार बनने पर वो समाज का खोया हुआ सम्मान लौटाएंगे।

वहीँ पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम विश्वकर्मा हैं और निर्माण के कार्यों और विकास से हमारा सरोकार है। अब विश्वकर्मा समाज के सम्मान और स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं होगा।समाज के अधिकार की लडाई सडक से संसद तक लडेंगे।अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने जौनपुर के गहना कोठी के मैदान में आयोजित भगवान विश्वकर्मा के पूजा एवं सम्मेलन में हजारों लोगो को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।उन्होंने कहा भगवान विश्वकर्मा निर्माण और शिल्प के देवता है और पूरा देश 17 सितम्बर को केवल विश्वकर्मा ही नहीं बल्कि उद्योगों में काम करने वाले सभी लोग उनकी पूजा करते है और उनका सम्मान करते है लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस के सार्वजनिक अवकाश को निरस्त कर उनका अपमान कर दिया।

गौरतलब है कि सन् 2003 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार ने तथा सन् 2012 में अखिलेश यादव की सरकार ने विश्वकर्मा पूजा दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करके भगवान विश्वकर्मा का सम्मान बढाया था और विश्वकर्मा समाज की पहचान बनायी थी अब भाजपा सरकार उसे मिटा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान विश्वकर्मा को पहले महापुरुष की श्रेणी में रखा और अब उनके अधिकारी विश्वकर्मा महराज बता रहे हैं।

पूर्व मंत्री विश्वकर्मा ने स्पष्ट कहा कि भाजपा सरकार को विश्वकर्मा का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।हम इसे कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे।हद तो तब हो गयी जब हरियाणा में भाजपा की सरकार ने विश्वकर्मा दिवस को मजदूर दिवस के रुप में मनाया और यह बता दिया कि सरकार की निगाह में विश्वकर्मा की हैसियत एक मजदूर से ज्यादा कुछ नहीं है।आश्चर्य है भाजपा में विश्वकर्मा समाज के जो नेता हैं वह भी समाज के सम्मान पर बोलने को तैयार नहीं है।सपा सरकार में विश्वकर्मा समाज को मन्त्री बनाकर सरकार में भागीदारी दी गयी थी।विश्वकर्मा समाज के भूमिहीन लोगों को वर्कशाप और कुटीर उद्योग लगाने के लिये ग्रामसभा की जमीनो का पट्टा देने का शासनादेश जारी किया गया था।सरकारी नौकरियों में भर्ती करने हेतु इण्टर पास विश्वकर्मा समाज के लडको को आईटीआई का प्रमाणपत्र देने का शासनादेश जारी किया गया था। भाजपा सरकार ने उन सभी पर रोक लगा दी।

उन्होंने विश्वकर्मा समाज से अपील की कि वे एक नजर अपने कारोबार पर और एक नजर सरकार पर रखें और जो सरकार आपके विपरीत काम करे उसे बदलने के लिये तैयार रहे।श्री विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा राज में विश्वकर्मा समाज पर लगातार उत्पीडन और अत्याचार हो रहा है।समाज के लोगो की हत्याये बलात्कार और उनकी जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं।न तो पुलिस कार्यवाही कर रही है और न सरकार सुनवाई कर रही है।उन्होंने कहा कि समाज के रक्षा की जिम्मेदारी सरकार पर है और सरकार अगर सुरक्षा नहीं करती तो विश्वकर्मा व्रिगेड के नौजवानों से कहेगे कि समाज की सुरक्षा और उनके सम्मान की रक्षा करने की जिम्मेदारी अब उनकी होगी।

समाजवादी पार्टी की सरकार में घटना होने पर सरकार तत्काल कार्यवाही करती थी और सरकार के कोष से मदद भी होती थी।अब लोग इलाज के अभाव में मर रहे है और सरकार मदद नही कर रही है।पूर्व मंत्री ने नौजवानों से पूछा कि आखिर भाजपा सरकार में कितनी नौकरी मिली।यह सरकार पिछडे वर्गो के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश कर रही है। अगर आरक्षण समाप्त हो गया तो पिछडे वर्ग के किसी को नौकरी नहीं मिलने वाली है।पहले विश्वकर्मा समाज अपने पुश्तैनी लोहे लकडी के कारोबार पर गुजारा कर लेते थे लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कब्जा के कारण विश्वकर्मा समाज बेरोजगारी और भुखमरी के कगार पर पहुंच गये है।

पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने मांग की कि लोहे लकडी का कारोबार विश्वकर्मा समाज के लिये आरक्षित किया जाय और सरकार इन्हें विशेष सुविधायें दे। विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या के आधार पर सरकारी नौकरियों सरकारी पदों और राजनीति में भागीदारी सरकार को देनी होगी।समाज अब अपना अधिकार लेने के लिये सडक से लेकर संसद तक पर संघर्ष करने के लिये तैयार है।विश्वकर्मा ने भरोसा दिलाया कि हम आपके सुख दुख में साथ रहेगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विनीत सेठ और संचालन महासभा के राष्ट्रीय सचिव राजेश विश्वकर्मा ने किया।

सम्मेलन को पूर्व कैबिनेट मन्त्री पारसनाथ यादव, पूर्वमनत्री जगदीश सोनकर, पूर्वमन्त्री राजनरायन विन्द जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव पूर्वसांसद श्री तूफानी राम सरोज अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अच्छेलाल विश्वकर्मा महामन्त्री, राकेश विश्वकर्मा जिलाध्यक्ष,सोचनराम विश्वकर्मा युवा जिलाध्यक्ष शिवकुमार विश्वकर्मा महामन्त्री जगदीश विश्वकर्मा अधिवक्ता और प्रोफेसर प्रेमचन्द विश्वकर्मा,राम आसरे विश्वकर्मा लोकदल, हरेन्द्र विश्वकर्मा,राम अवतार विश्वकर्मा गाजीपुर,हरिशंकर विश्वकर्मा, अभिषेक विश्वकर्मा वाराणसी,राजेश विश्वकर्मा सोनभद्र,जियालाल विश्वकर्मा सहित कई नेताओ ने सम्बोधित किया।

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