हिंदू धर्म के अनुसार, जानिए महिलाएं क्यों पहनती हैं मंगलसूत्र, क्या है इसका महत्व

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डेस्क. हिंदू विवाह संस्कार में मंगलसूत्र का अहम् स्थान है। मंगलसूत्र को विवाहिता महिलाओं के सुहाग की निशानी के तौर पर देखा जाता है। महिलाएं अपने मंगलसूत्र को इसीलिए बड़ा संभाल कर रखती हैं। पहले के समय में काले और पीले मोतियों की माला को ही मंगलसूत्र माना जाता था लेकिन आधुनिकता के साथ मंगलसूत्र में भी काफी बदलाव हुए हैं।

आज के समय में ज्यादातार विवाहित महिलाएं मंगलसूत्र को स्टेटस सिम्बल के तौर पर देखती हैं। आइए जानते हैं मंगलसूत्र के बारे में कुछ अहम बातें…

ऐसा होता था मंगलसूत्र

अगर प्राचीन समय की बात की जाए तो हिंदू विवाह में मंगलसूत्र के रूप में विवाहित महिलाओं को हल्दी में रंगा हुआ एक धागा पहनाया जाता था। जब वर शादी के मंडप में वधू के गले में ये धागा पहनाता था तो पंडित जी शुभ मंत्रों का पाठ करते थे।

वर इस धागे को वधू के गले में बांधते हुए तीन गांठें लगाता था। धागे में तीन गांठे लगने के बाद वर-वधू का रिश्ता एकदम पक्का माना जाता था। एक मान्यता यह भी है भी है कि वधू के गले में मंगलसूत्र बांधते वक्त केवल एक ही गांठ लगाता है बाकी की गांठे दूल्हे की बहनें बांधती हैं।

मंगलसूत्र का महत्व

आधुनिक समय में मंगलसूत्र का स्वरुप बदल गया है। अब यह सोने का होता है। इसमें काले और सोने के मोती होते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंगलसूत्र के ये काले मोटी विवाहित महिला के पति पर आने वाले संकट को हर लेते हैं और वो दीर्घायु होता है।

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