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मुंबई : आज जन्माष्टमी का त्यौहार है और आप हर जगह इसका उल्लास देख सकते हैं. सुबह से ही मंदिरों में चहल पहल देखने को मिल रही है और साथ ही भक्तजन भगवान कृष्ण का मनमोहक श्रृंगार करने में लगे हुए हैं. भगवान कृष्ण का जन्म रात के 12 बजे हुआ था जिसके चलते उसके पहले कई तरह के छोटे मोटे कार्यक्रम किये जाते हैं. उनमे से ही एक होता है दही हांड़ी. 

ऐसे ही बात करें दही हांड़ी की तो ये मुंबई में ज़ोरों से किया जाता है और बहुत ही बड़े पैमाने पर होता है. मुंबई का दही हांडी पूरे देश में प्रसिद्ध है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. बता दें, दादर में इसकी तयारी भी शुरू हो चुकी है जिसकी तस्वीरें आप देख यहां देख सकते हैं. 

क्या होता है दही हांड़ी 

जन्माष्टमी के अवसर पर युवा जन काफी ऊंचाई पर दही की हांडी को बाँध देते हैं और उसके बाद उसे तोडा जाता है. ये एक मिट्टी के बर्तन का होता है. आपने कई बार देखा भी होगा इसके लिए लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़कर एक पिरामिड नुमा बना लेते हैं और उस पर चढ़कर मटकी को तोड़ते हैं.  महाराष्ट्र और गोआ के विभिन्न क्षेत्रों में दही-हांडी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. मटकी तोड़ने वाले को विजेता बना दिया जाता है और इसमें सभी काफी आनंद लेते हैं.

दही हांडी में श्री कृष्ण का संदेश 

कहा जाता है दही हांडी एक खेल की तरह होता है लेकिन इसमें भगवान कृष्णा का एक मंत्र भी छिपा हुआ है जिससे हमे सीख मिलती है. इससे भगवान कृष्णा कहना चाहते हैं कि लक्ष्य भले ही कितना भी कठिन हो लेकिन मिलकर एकजुटता के साथ प्रयत्न करने पर उसमें कामयाबी जरुर मिलती है. इतना ही नहीं यही भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता में भी दिया है.

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