चुनाव के पहले माल्या से जुड़े लोगों को पकड़वा रही है सरकार

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लखनऊ ।। उद्योगपति विजय माल्या को लोन देने में गड़बड़ी के आरोप में सीबीआई ने आईडीबीआई के पूर्व चेयरमैन समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन 8 लोगों में 4 लोग आईडीबीआई बैंक और बाकी 4 किंगफिशर कंपनी से जुड़े हैं। जानकार लोगों का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार नहीं चाहती कि नोटबंदी के साथ ही विजय माल्या का मुद्दा भी चुनाव में उठे।

सीबीआई ने आईडीबीआई के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई उन्हें मुंबई कार्यालय लेकर पहुंची है, जहां उनसे पूछताछ चल रही है। गिरफ्तार 8 लोगों में किंगफिशर कंपनी से ए रघुनाथ, शैलेष निराकर, एसी शाह, अमित बडकरनी हैं। वहीं आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश कुमार के अलावा ओवी बुंदेलखंड, एसके वी श्रीनिवासन और आर एस श्रीधर हैं।

वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने सोमवार को विजय माल्या की कंपनी यूनाइटेड ब्रेबरीज समूह (यूबी) के कार्यालयों की तलाशी ली। सीबीआई के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, ‘सीबीआई के 12 सदस्यीय दल ने दिल्ली की एक अदालत के सर्च वारंट के साथ यूबी सिटी के कार्यालयों की तलाशी ली।’

सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई अधिकारी यूबी ऑफिस उन दस्तावेजों की खोज में गए थे, जिनके आधार पर विजय माल्या ने कई बैंकों में लोन के लिए अर्जी दी थी। जांच अधिकारियों को शक है कि ये दस्तावेज गैर कानूनी तरीके से तैयार किए गए थे। इसलिए एजेंसी इन दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजेगी।

हालांकि अधिकारी ने सर्च वारंट का कारण बताने से इनकार कर दिया। लेकिन जानकार सूत्रों ने संकेत दिया है कि माल्या और उसके समूह की कंपनियों की एफइआरए उल्लंघन के मामले में तलाशी ली गई है। वहीं, समूह कंपनी ने कहा कि उसके अधिकारियों ने सीबीआई की टीम के साथ सहयोग किया।

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