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पूरे देश में आज जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस खास अवसर पर देशभर में मंदिरों को सजाया गया है तथा झांकियां बनाई गईं और साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। हालांकि उत्कतर भारत में कई स्थानों पर रविवार को भी लोगों ने जन्माष्टमी मनाई। 

वहीं जन्माष्टमी को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा की तैयारियां पूरी कर ली हैं। पुलिस ने दिल्ली में स्थित सभी मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिड़ला) पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। जन्माष्टमी को लेकर तीन सितंबर को दिल्ली में कुछ मार्ग भी परिवर्तित किए गए हैं। जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर शहर भर में रविवार को भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।  

दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रमुख मंदिर में प्रवेश के लिए मंदिर मार्ग से प्रवेश होगा। मंदिर मार्ग पर कालीबाड़ी साइड या फिर पेशवा रोड से जाया जा सकता है। प्रवेश डीएफएमडी के जरिये होगी। पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि वह पुलिस जांच में सहयोग करें। मंदिर के अंदर हैंडबैग, ब्रीफकेस, पार्सल, खाने के पैकेट, कैमरा, मोबाइल फोन व बैटरी से चलने वाले उपकरणों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। लोगों को अपने जूते डीएफएमडी चेकिंग से पहले उतारने होंगे। मंदिर प्रबंधन द्वारा कालीबाड़ी मार्ग व पेशवा रोड पर हिंदू महासभा ऑफिस के पास जूतों को रखने का प्रबंध किया गया है।  

मंदिर के गीता भवन व वाटिका में मुख्य मंदिर गेट से जाया जा सकता है। मंदिर के अन्य गेट बंद रहेंगे। मंदिर से बाहर निकलने के दो गेट हैं। गेट नंबर तीन से प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर मार्ग पर पंचकुइयां रोड गोलचक्कर, पार्क स्ट्रीट गोलचक्कर, कालीबाड़ी मार्ग, उद्यान मार्ग व पेशवा रोड पर वाहनों के आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस की सहायता के लिए मंदिर के पास पुलिस बूथ बनाया गया है।

ब्रज में गूंज रही जय-जयकार, आज जन्मेंगे पालनहार, पहुंच रहे देशभर के श्रद्धालु

मथुरा में सोमवार को मनायी जाने वाली जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं और इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा-वृन्दावन एवं ब्रज के अन्य धर्मस्थलों की ओर उमड़ रहे हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे श्रद्धालुओं का यहां तांता लगा हुआ है। मथुरा-वृन्दावन की ओर आने वाले हर मार्ग पर लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है। लोग मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन आदि की ओर पैदल ही जा रहे हैं। हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया हुआ है। जगह-जगह प्रभु का प्रसाद बांटा जा रहा है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर चौराहे- रास्ते को बड़ी ही शिद्दत से सजाया गया है। 

सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा। तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर 1.30 बजे तक दर्शन होंगे। 

द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह 6.00 से 6.15 बजे मंगला, 6.30 से श्रृंगार और 8.30 बजे से ग्वाल राजभोग के दर्शन होंगे। शाम को 7.30 बजे से भोग संध्या आरती और शयन के दर्शन होंगे। रात को 10 बजे से जागरण और 11.45 बजे भगवान जन्म के दर्शन होंगे।

दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में सोमवार रात जन्मोत्सव मनाने के बाद अगले दिन नंदोत्सव के दौरान लट्ठा के मेला का आयोजन होगा। अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी के लिए तैयारियां की गयी हैं।

इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि जन्मोत्सव पर अष्टप्रहर आरती होगी। लंदन में तैयार हुई ठाकुरजी की पोशाक धारण कराई जाएगी। रात 9 बजे से हरिनाम संकीर्तन के साथ बारह बजे तक ठाकुरजी का महाभिषेक होगा। इसके बाद महाआरती होगी। 

ब्रज के हर घर में कान्हा के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। यहां परंपरा है कि दिन भर व्रत रखकर मध्य रात्रि में खीरे का चीरा लगाकर शालिग्राम की बटिया के रूप में ठाकुर के जन्म की परंपरा निभाई जाती है।

जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया, ‘‘कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन व 16 सेक्टर में बांटकर 3000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।’’ 

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