योगी के इस अधिकारी ने कहा ” अब मुझे नीच जाति के लोगों की भी बात सुननी पड़ेगी “

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मुजफ्फरनगर।। उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है दलित उत्पीड़न की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। दलितों के शोषण की खबरें आये-दिन सुनाई पड़ती हैं। तजा मामला मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग से सामने आया है यहाँ बीएसए ने मनमाने तरीके से दलित शिक्षकों का वेतन ही रोक दिया है। जब इसके बाबत दलित शिक्षक अपनी बात रखना चाह रहे थे तब बीएसए ने उन्हें जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि “अब मुझे नीच जाति के लोगों की भी बात सुननी पड़ेगी।”

मामला ये है कि मुजफ्फरनगर के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 211 दलित शिक्षकों का वेतन बिना किसी कारण गलत तरीके से रोक दिया गया है। इतना ही नहीं, वेतन रोकने के साथ-साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनुसूचित जाति के अध्यापकों को जातिसूचक अपशब्द भी कहे। इस करतूत पर अनुसूचित जाति के शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को घोर जातिवादी और संकीर्ण मानसिकता वाला बताया।

इस मामले को लेकर दलित शिक्षकों और मुजफ्फरनगर की एससी/एसटी बेसिक टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की शाखा आपत्ति जताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फनगर के शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुसूचित जाति के शिक्षकों का घोर मानसिक और जातीय उत्पीड़न किया जा रहा है।

इस मामले में शिक्षा अधिकारी पर कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर 28 अगस्त को निदेशक बेसिक शिक्षा को ज्ञापन दिए जाने का ऐलान किया गया है। एशोसिएशन की मांग है कि इस दलित विरोधी मानसिकता वाले शिक्षा अधिकारी को निलंबित करके जेल भेजा जाये। मांग ना मानने पर एक बड़ा आंदोलन करने की बात कही गयी है।

फोटोः फाइल 

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