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पश्चिम एशिया बीते छह महीने से अधिक समय से युद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहा है। युद्धग्रस्त इलाकों के हालात बेहद दयनीय हैं। इस बीच इजरायल और ईरान का टकराव शुरू होने से हालात और भी चिंताजनक दिशा में मोड़ ले चुके हैं। हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए भारतीय पीएम ने आश्वस्त किया है कि युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे भारतीय लोगों की सुरक्षा सरकार की सबसे पहले प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय भी निरंतर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वो इजराइल के किसी भी ऐसे प्रयास का साझेदार नहीं बनेगा, जिसके तहत ईरान पर जवाबी कार्रवाई की योजना हो।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी प्रेसिडेंट बाइडन ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को दो टूक संदेश दिया है कि तनाव बढ़ाने वाले किसी भी फैसले से पहले अच्छी तरह सोच विचार करें।

अमेरिका के सख्त तेवरों के बीच रूस और ईरान के रुख की खबर भी सामने आई है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी और ईरानी विदेश मंत्रियों ने मध्यपूर्व में हालात के और बिगड़ने को लेकर आगाह किया है हमले के बाद भी इजराइल की सेना हाई अलर्ट पर है। ईरान ने लमसम 60 टन हथियार और विस्फोटक सामग्री के साथ लेबनान में ईरान, इराक, यमन और हिजबुल्ला से इजराइल की ओर लगभग 350 आत्मघाती ड्रोन, क्रूज मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट लॉन्च किए।

 

 

 

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