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एमपी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खरगोन जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल जिरन्या ब्लॉक में गर्भवती आदिवासी महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं।

गर्भवती महिलाओं को हॉस्पिटल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस तो उपलब्ध हैं, मगर गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती। बीती शाम को चौपली गांव की 28 वर्षीय महिला रविताबाई और बलीराम की पत्नी को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी और परिवार ने एम्बुलेंस को बुलाया।

कड़ी मशक्कत के बाद जब हमने 108 एंबुलेंस के ड्राइवर से बात की तो उसने गाड़ी उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर फोन रख दिया और उसके बाद भी फोन नहीं उठाया। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को परिजन बैलगाड़ी से 6 किमी दूर हेलापड़ावा उपारोग्य केंद्र अस्पताल ले गए। गर्भवती रविताबाई करीब दो घंटे बाद स्वास्थ्य केंद्र पहुंची।

इस घटना का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले को लेकर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सुनील चौहान का कहना है कि चौपाली की रविताबाई नाम की महिला ने हेलापड़ावा अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है। डिलीवरी हो गई है। मां और बच्चा दोनों तंदरुस्त हैं। 108 एंबुलेंस के वक्त पर नहीं पहुंचने पर बीएमओ ने कहा कि हम मामले की विवेचना करेंगे। 

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