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पुलिस ने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के चीफ सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को गोली मारने वाले दो शूटरों समेत तीन लोगों को चंडीगढ़ से अरेस्ट किया है। यह बात सामने आई है कि दोनों आरोपियों को भागने में किसी तीसरे शख्स ने मदद की थी। दोनों शूटर पांच दिनों तक पुलिस से बचते रहे। चार राज्यों की यात्रा की। पर एक कैमरे ने उन दोनों को कैद कर लिया।

पुलिस की मदद से हत्यारों का पता चल गया है। यह तस्वीर हरियाणा के धारूहेड़ा रेलवे स्टेशन की है। जब वे धारूहेड़ा रेलवे स्टेशन पर थे तो उनकी तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी डीडवाना की ओर भाग निकले और वहां से फिर धारूहेड़ा पहुंच गए। पुलिस को पहला सबूत धारूहेड़ा से ही मिला था। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने दिल्ली स्पेशल सेल की मदद से मोनू मानेसर समेत भोंडसी जेल में बंद कुछ कैदियों से पूछताछ की और दोनों के संभावित ठिकानों का पता लगाया।

उधर, आरोपी जयपुर से डीडवाना-सुजानगढ़-धारूहेड़ा रोड होते हुए पहुंचे। इसके बाद वह बस से मनाली पहुंचा और सेक्टर-22, चंडीगढ़ लौटकर पकड़ा गया। उनके साथ एक अन्य युवक उधम सिंह को भी अरेस्ट किया गया है। उसी शख्स ने दोनों को भागने में मदद की। हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने हथियार छुपा दिये थे।

पर भागने के दौरान वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पुलिस आरोपियों तक पहुंची। जब पुलिस आरोपियों तक पहुंची तो ये तीनों साथ थे, जिसके बाद इन्हें अरेस्ट कर लिया गया। शूटर गैंगस्टर रोहित गोदारा के दाहिने हाथ वीरेंद्र चैहान और दानाराम के संपर्क में था। हत्या वीरेन्द्र चैहान व दानाराम के इशारे पर की गई थी। पुलिस इन दोनों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। हत्या के बाद दोनों शूटर लगातार वीरेंद्र चैहान और दानाराम से बात कर रहे थे। हत्या के बाद आरोपी राजस्थान से हरियाणा के हिसार, हिसार से मनाली और मनाली से चंडीगढ़ पहुंचे, जहां से उन्हें पकड़ा गया।

 

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