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लोकसभा चुनाव नजदीक आने के बाद राज्य में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है और आज देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कांग्रेस को झटका लगा है। क्योंकि कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है और वह आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं। मगर इस्तीफा देने से पहले मिलिंद देवड़ा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के संपर्क में थे। ये भी माना जा रहा है कि देवड़ा ने जयराम रमेश के जरिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संदेश भेजा था। मगर इससे पहले कि वह संदेश राहुल गांधी तक पहुंचे, देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ने का निर्णय कर लिया है।

प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार ग्रुप और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे मिलकर मुकाबला करेंगे। हालांकि इस गठबंधन के सामने जगह आवंटन की समस्या खड़ी हो गई है। मिलिंद देवड़ा ने जोर देकर कहा कि हमें दक्षिण मुंबई सीट मिले। मगर इस सीट से मौजूदा समय में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना के अरविंद सावंत सांसद हैं।

ऐसे में कांग्रेस के लिए ये सीट निकालना मुश्किल था। मगर पिछले दो चुनावों में मोदी लहर के चलते यहां से ठाकरे की पार्टी शिव सेना का उम्मीदवार चुना गया और इस साल मोदी के पीछे ताकत नहीं होने के कारण देवड़ा ने जिद की थी कि उन्हें यह सीट खाली कर देनी चाहिए। यही संदेश उन्होंने जयराम रमेश के जरिए राहुल गांधी को भी भेजा। मगर ये बात राहुल गांधी तक नहीं पहुंची तो आखिरकार मिलिंद देवड़ा ने आज कांग्रेस को अलविदा कहने का निर्णय कर लिया।

जयराम रमेश का देवड़ा पर हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण आज मणिपुर से शुरू हो रहा है। मगर इस सफर की शुरुआत में ही मिलिंदा देवड़ा ने इस्तीफे का बम गिरा दिया। मगर जयराम रमेश ने हमला बोला है कि देवड़ा के इस्तीफे का वक्त पीएम मोदी ने तय किया है। मिलिंद देवड़ा के पिता और दिवंगत कांग्रेस नेता मुरली देवड़ा के साथ अपने संबंधों पर टिप्पणी करते हुए, जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मुझे मुरली देवड़ा के साथ मेरा लंबा जुड़ाव याद है। वह सभी राजनीतिक दलों में एक करीबी दोस्त थे, मगर अच्छे और बुरे समय में कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ा था।”

इस बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि शिंदे की पार्टी शिव सेना में शामिल होने वाले मिलिंद देवड़ा को महायुति लोकसभा का टिकट देती है या राज्यसभा में मौका देती है।

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