शंकर जी को रुद्राक्ष अत्यंत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उन पर शंकर जी की खास कृपा होती है। मगर कुछ लोगों को भूलकर भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। ये लोग फायदे की जगह बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बताया जाता है कि रुद्राक्ष का जन्म शंकर जी के आंसुओं से हुआ था। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक विभिन्न रूपों में पाया जाता है। उनकी अलग-अलग धारणाएं और नियम हैं।
ऐसा कहा जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मक प्रभावों से हमारी रक्षा होती है। मगर रुद्राक्ष को कोई भी धारण नहीं कर सकता. गर्भवती महिलाओं, बच्चों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। यदि कोई रुद्राक्ष धारण करता है तो उसे नवजात शिशु के पास नहीं जाना चाहिए।
मांसाहारी और धूम्रपान करने वालों को रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। नियमानुसार रात को सोते समय भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा अगर आप तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखकर सोते हैं तो आपको बुरे सपने नहीं आएंगे। साथ ही अनिद्रा की समस्या भी दूर हो जाती है।
रुद्राक्ष को ब्लैक धागे में नहीं पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को लाल या पीले धागे में पहनना चाहिए।
नोट- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधिरत है। हमारी टीम इसका समर्थन नहीं करती है।
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