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गुरुग्राम से सटे नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर हुई पत्थरबाजी की वारदात के बाद दो गुटों के मध्य  बीते कल को जमकर बवाल हुआ। देखते ही देखते टकराव ने हिंसा का रूप ले लिया। कई जिलों में दहशत का माहौल है।

नूंह में हुई हिंसा के पीछे पुलिस की सबसे 3 नाकामी सामने आ रही है। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर ये हिंसा भड़की क्यों? दरअसल इसके पीछे गौरक्षक मोनू मानेसर का एक वीडियो बड़ी वजह बताया जा रहा है। मोनू ने वीडियो जारी कर शोभायात्रा में ज्यादा से ज्यादा लोगों को आने के लिए अपील की थी और खुद के भी यात्रा में शामिल होने की बात कही थी। मोनू मानेसर नासिर जुनैद हत्याकांड में वांटेड है। इस हिंसा के पीछे पुलिस की नाकामी सामने आई है। आइए जानते हैं पुलिस की कौन कौन सी नाकामी रही है।

पहली नाकामी, नूंह के एसपी बरुण सिंगला छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में एएसपी मूसा कुल्लू जिले की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं। काम के विस्तार के बोझ के चलते कानून व्यावस्था कमजोर नजर आई।

दूसरी गलती- सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर का वीडियो वायरल हो रहा था। ब्रजमंडल यात्रा लोगों के लोगों को भी बुलाया जा रहा था। बावजूद इसके साइबर टीम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस को पता था कि मोनू मानेसर की यात्रा में शामिल होने से माहौल बिगड़ सकता है।

तीसरी गलती- हिंसा के बाद पुलिस की सीआईडी और लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की कमजोरी भी सामने आई है कि पथराव करने वालों उपद्रवियों की पहचान नहीं कर सके और माहौल बिगड़ गया। अगर पुलिस पहले ही इन चीजों पर ध्यान देती तो शायद आज हरियाणा हिंसा की आग में नहीं जल रहा होता। 

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