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मेहनत का फल मीठा होता है और मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। यह कहानी है 20 साल के तिलक वर्मा की जिसने टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर लिया है और डेब्यू भी शानदार रहा। तिलक वर्मा ने संघर्ष किया। परिवार ने भी तिलक वर्मा का साथ दिया और आज तिलक वर्मा टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं। उधार का बल्ला भी तिलक वर्मा ने मांगा। पिता इलेक्ट्रिशियन थे।

बेटे के सपने के लिए बेटे के खातिर वह सब कुछ किया जिससे वह एक अच्छा क्रिकेटर बन सके और आज तिलक वर्मा नीली जर्सी पहने टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं। इस कहानी में आपको तिलक वर्मा के बारे में बताएंगे कि कैसे तिलक वर्मा ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की और परिवार ने कितना संघर्ष तिलक वर्मा के लिए किया। तभी तो आज तिलक वर्मा टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर चुका है।

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी ट्वेंटी मैच से पहले की जब तिलक वर्मा को कप्तान हार्दिक पांड्या ने डेब्यू कैप दी और तिलक वर्मा टीम इंडिया के टी ट्वेंटी के 104वें नंबर खिलाड़ी बन गए। तिलक ने जो सपना देखा था वह पूरा हो गया और डेब्यू मैच में तहलका भी मचा दिया। लेकिन तिलक को यहां तक पहुंचने के लिए एड़ी चोटी का जोर भी लगाना पड़ा और उनके परिवार ने जो संघर्ष किया उसका फल अब मिल गया। 
तिलक वर्मा साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। तिलक का जन्म 8 नवंबर 2002 में हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता नागराजू वर्मा एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करते थे। तिलक की मां गायत्री देवी गृहिणी हैं। छोटी उम्र से तिलक को क्रिकेट के प्रति गहरा लगाव था। दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते हुए कोच सलाम बायस की नजर पड़ी। कोच सलाम ने उन्हें तेलंगाना स्टेट क्रिकेट अकैडमी में कोचिंग देना शुरू कर दिया। उधार का बल्ला लेकर तिलक वर्मा ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।

आपको बता दें कि क्रिकेट अकैडमी तिलक के घर से लगभग 40 किलोमीटर दूर थी, जिसके कारण उनके पिता ने अकैडमी के पास ही नौकरी तलाश की और पूरा परिवार अकैडमी के पास ही शिफ्ट हो गया। यहां तक कि तिलक के पास तो बल्ले खरीदने के पैसे तक नहीं थे, लेकिन उधार के बल्ले से उन्होंने शतक भी जमाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

तिलक वर्मा कैसे बने क्रिकेटर?

साल 2014 में चेन्नै सुपर किंग्स के फोटोशूट में तिलक गए थे, जहां सुरेश रैना से कई सारे बच्चे मिले, जिसमें तिलक वर्मा भी शामिल थे। तिलक के कोच ने CSK की प्रैक्टिस में ले गए थे। तिलक के कोच ने बताया था कि रैना से तिलक काफी प्रेरित हुए थे। दिन रात एक करने के बाद तिलक को घरेलू क्रिकेट में मौका मिला, जिसके बाद उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और धीरे धीरे आईपीएल में कदम रख दिया।

आज तिलक वर्मा मुंबई इंडियस की बैकबोन माने जाते हैं। तिलक वर्मा के क्रिकेट करियर को देखें तो दो हज़ार 19 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टी ट्वेंटी करियर की शुरुआत हुई। 2021 और 22 के सीजन में 35 के ऊपर की औसत से उन्होंने 215 रन बनाए। आईपीएल दो हज़ार 22 से पहले मुंबई इंडियस ने नीलामी में 1 करोड़ ₹70 लाख में तिलक को अपने साथ जोड़ा था। अब तिलक वर्मा का टीम इंडिया में डेब्यू हो गया है और पहले मैच में तिलक ने अपनी छाप छोड़ी है। तिलक भले ही टीम इंडिया को मैच नहीं जीता पाए लेकिन उनकी बैटिंग स्टाइल का आज हर कोई दीवाना हो गया है।

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