नई दिल्ली॥ गुजरात राज्य को मेडिक हब और मेडिकल टूरिज्म बनाने के राज्य सरकार के बड़े बड़े दावों के बीच सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। गुजरात विधानसभा में सरकार ने स्वीकार किया है कि बीते 2 वर्ष में राज्य के सरकारी हॉस्पिटल में 15013 बच्चों की मौत हुई है। अर्थात राज्य में प्रति दिन औसत 20 से अधिक बच्चों की मौत होती है।
अहमदाबाद के सरकारी हॉस्पिटल में बीते 2 वर्ष में सबसे अधिक 4322 बच्चों की मौत हुई है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने विधानसभा में लिखित जानकारी देते हुए बताया कि 2 वर्ष में राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 71774 बच्चों का जन्म हुआ। जबकि अन्य अस्पतालों में जन्म के बाद गंभीर हालत के 34727 बच्चों को सरकारी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
ऐसे कुल 1.6 लाख बच्चों में से 15013 बच्चों की मौत हो गई। जिसमें सबसे अधिक 4322 बच्चों की मौत अहमदाबाद के हॉस्पिटल में हुई। जबकि वडोदरा में 2362 बच्चों की मौत हुई। इसके अलावा सूरत में 1986, राजकोट में 1758, भावनगर में 596, गांधीनगर में 432, वलसाड में 422, पंचमहल में 387, साबरकांठा में 181, डांग में 86, जूनागढ़ मं 198, नर्मदा में 60, पाटण में 138, मेहसाणा में 144, तापी में 89, दाहोद में 133, जामनगर में 839, नवसारी में 135, खेडा में 121 और आणंद में 32 बच्चों की मौत हुई।