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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाली सरकार ने सरकारी तंत्र को साफ-सुथरा रखने के अपने अभियान को जारी रखते हुए, आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले दो और सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा इस तरह की की गई कार्रवाई की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

इन दो बर्खास्तगियों के साथ ही, आतंकवाद के समर्थन या आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के आरोप में नौकरी से निकाले गए सरकारी कर्मचारियों की कुल संख्या अब 85 को पार कर गई है। यह दिखाता है कि प्रशासन इस मामले को लेकर कितना गंभीर है और किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

क्या थे आरोप:मिली जानकारी के अनुसार, जिन दो कर्मचारियों को हटाया गया है, उन पर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और अलगाववादी ताकतों से जुड़े होने के गंभीर आरोप थे। यह निर्णय लंबी जांच और संबंधित विभागों से मिली रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता सर्वोपरि है, और ऐसे तत्वों को सरकारी तंत्र में बने रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।

सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने पर जोर

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि वे सरकारी सेवाओं में ईमानदारी और राष्ट्र के प्रति निष्ठा को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। इस तरह की बर्खास्तगियां इस बात का स्पष्ट संकेत देती हैं कि प्रशासन अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए भी एक चेतावनी है जो सरकारी पद का दुरुपयोग करके राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की सोचते हैं।

यह कदम जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और सरकारी तंत्र को पूरी तरह से देशभक्ति और निष्ठा वाले लोगों से भरने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

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