मुंबई। एक महिला की मौत हुई तो उसके दोनों बेटे अपनी मां के अंतिम संस्कार को लेकर भिड़ गए। दरअसल पालघर में कुछ वर्षों पहले महिला ने ईसाई धर्म अपना लिया था। पुलिस ने जानकारी दी। पालघर जिले में वाडा तहसील के अवांडे गांव में दो दिन पहले यह घटना हुई।
दिवंगत महिला के दो बेटों के बीच इस बात को लेकर वाद विवाद हो गया कि उसका अंतिम संस्कार किस रीति रिवाज से किया जाए। एक बेटा ईसाई है तो उसका दूसरा बेटा हिंदू है। पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप पवार ने बताया कि, ”65 वर्षीय फुलाई धाबड़े की 18 नवंबर की रात को मृत्यु हो गयी। खुद, पति महादू और छोटा बेटा सुधान कुछ साल पहले ईसाई बन गये थे जबकि उनका बड़ा बेटे सुभाष ने हिंदू ही रहना पसंद किया।फिर ”वृद्धा की मौत के बाद भाइयों के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया कि उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाए।
जटिल स्थिति पैदा हो गयी क्योंकि दोनों भाइयों में इस बात की जिद थी कि वह जिस धर्म का पालन करता है, उसी के अनुसार उनकी मां का अंतिम संस्कार करेंगे।” इस मामले को सुलझाने के लिए बड़ी संख्या में गांव वाले इकट्ठा हो गये लेकिन दोनो भाइयों में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। पुलिस के अनुसार स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस पाटिल वाड़ा थाने पहुंचा और उसने वहां सारी बात समझाई।फिर ” पुलिस अधिकारी सुधीर संखे गांव में पहुंचे और उन्होंने परिवार के सदस्यों से चर्चा की।
फिर अंत मे जाकर यह तय किया गया कि महिला को ईसाई परंपरा के अनुसार दफनाया जाए।”फिर वसई के समीप पाचू द्वीप पर पार्थिव शरीव को दफना दिया गया। पवार ने कहा, ”लेकिन दूसरा हिंदू बेटा भी मानने को तैयार नहीं था। उसने चिता पर एक गुड़िया रखकर अपनी माँ का सांकेतिक दाह संस्कार किया।