पाकिस्तान के साथ बैक चैनल वार्ताओं के बाद गुरुवार को ‘संघर्ष विराम’ की सहमति से जुड़ा साझा बयान आया। इसके अगले दिन शुक्रवार को ‘बालाकोट स्ट्राइक’ के तौर पर याद किया जा रहा है। भारत ने दो साल पहले इसी रात को पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में जाकर जैश के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को हवाई हमले करके नष्ट किये थे।
सुबह 3.45 बजे तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने एक विशेष आरएएक्स नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को टेलीफोन कॉल करके कोड वर्ड ‘बन्दर मारा गया’ कहकर ऑपरेशन पूरा होने की जानकारी दी।
बालाकोट स्ट्राइक का लक्ष्य था आतंकी संगठन जैश का नियंत्रण कक्ष जहां से आत्मघाती बमबारी, आईईडी, तोपखाने की ट्रेनिंग और भारत, अमेरिका एवं अफगानिस्तान में आतंक फैलाने की साजिशें रची जा रही थीं। जिन क्षेत्रों में मानव संसाधन उपलब्ध नहीं थे, उन क्षेत्रों में लक्षित सटीकता के साथ हमले करना भारत के लिए प्रमुख चुनौती थी।
इसके अलावा सामरिक स्थितिजन्य जागरुकता प्रदान करने के साथ ही उड़ान गलियारे, खतरों के स्थान, डिजिटल नक्शे, इलाके की रूपरेखा, मौसम संबंधी स्थिति और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए हथियार से लक्ष्य मिलान मापदंडों और ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देता है। 18 फरवरी, 2019 से शुरू की गई यह तैयारी 4 दिनों के भीतर पूरी कर ली गई। इसके बाद वायुसेना की पश्चिमी और मध्य वायु कमान से विभिन्न परिसंपत्तियां जुटाने में 5वें दिन का इस्तेमाल किया गया।
26 फरवरी : रात 2 बजे पीएम नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और कई लोगों के साथ मिलिट्री कमांड के प्रमुख नई दिल्ली में कहीं न कहीं अपनी स्क्रीन के साथ जाग रहे थे। वायु कर्मचारी निरीक्षण निदेशालय (डीएएसआई) ने ग्वालियर एयरबेस से किसी को भी किसी तरह का संदेह होने से पहले रात 2 बजे से पहले ऑपरेशन का संचालन किया।
प्रातःकाल 2 बजे: ग्वालियर एयरबेस से 6 मिराज-2000 रवाना हुए और आगरा पहुंचे। यहां से उड़ान भरने वाले 6 लड़ाकू विमानों में से 3 मिराज कुल 1000 हाई स्पीड लो ड्रैग (एचएसएलडी) बमों से लैस थे। अन्य 3 मिराज-2000 को 6907 किग्रा स्पाइस पीजीएम बमों से लैस किया गया था जिन्हें आईएल-78 एमकेआई द्वारा फिर से ईंधन दिया गया।
प्रातःकाल 3:30 बजे : 6 मिराज-2000 दो भागों में बंट गए। इसमें 3 एचएसएलडी के साथ बालाकोट की ओर और 3 स्पाइस-2000 के साथ उत्तर-पश्चिम में स्थित मुजफ्फराबाद की ओर चले गए। यह सभी विमान टेरेन मास्किंग फ्लाइट प्रोफाइल से लैस थे, इसलिए वायु क्षेत्र में इन्हें खोज पाना मुश्किल था।
प्रातःकाल 3:45 बजे से 3:53 बजे तक : एचएसएलडी से सुसज्जित 3 मिराज उत्तर पूर्वी दिशा से बालाकोट बेस कैंप पहुंचे और एक के बाद एक 9 एचएसएलडी बमों को गिराया और सभी 6 मिराज फिर भारत की ओर मुड़ गए।
प्रातःकाल 3:40 बजे : 6 मिराज पाक अधिकृत कश्मीर में घुसे और केरन वैली के ऊपर मध्यम ऊंचाई में आपरेशन का संचालन किया। इसी दौरान ये 6 मिराज पाकिस्तानी वायुसेना के कामरा स्थित एयरस्पेस सर्विलांस रडार की पकड़ में आ गए जिसके कारण रावलपिंडी के चकलाला एयरबेस से दो एफ-16 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान उड़े। चूंकि वे अभी भी मिराज से 120 किमी दूर थे, इसलिए मिराज के भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के चार मिनट बाद ही वे बालाकोट पहुंच पाए।
इस तरह भारतीय लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के अंदर 21 मिनट तक ऑपरेशन चलाकर कहर बरपाया। इस ऑपरेशन में हिंदुस्तान ने एक मिग-21 को खो दिया जिसने नीचे जाने से पहले एक पाकिस्तान के एफ-16B को मार गिराया था। बाद में वह अपने ही सुखोई से मारा गया।
उन्होंने डोभाल को कोड वर्ड में बताया ‘बन्दर मारा गया’ यानी खुफिया ऑपरेशन सफलता के साथ पूरा हुआ। धनोआ ने तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सचिव (अनुसंधान और विश्लेषण विंग) अनिल धस्माना को इसी तरह की कॉल की। एनएसए डोभाल ने प्रधानमंत्री मोदी को सूचित किया।
इस तरह इंडियन एयर फोर्स के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार करके बालाकोट में जैश के संचालित आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया। बाद ने एनटीआरओ ने इस ऑपरेशन के दौरान तकरीबन 200-300 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की। ये खुफिया ऑपरेशन 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आत्मघाती हमले का बदला लेने के लिए चलाया गया था जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह जैश ने ली थी।