कोरोना काल के साल भर में खोजे गए 227 कुष्ठ रोगी

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महराजगंज ॥ कोरोना काल में एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक जनपद में कुल 227 कुष्ठ रोगी मिले हैं, जिनमें से 107 कुष्ठ रोगी पैसीव बैसिलरी ( पीबी) तथा 120 मल्टी बैसिलरी( एमबी) मिले हैं। इन सभी कुष्ठ रोगियों में कुछ का इलाज पूरा हो गया, जबकि कुछ का इलाज जारी है।

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जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ.अनिल कुमार बर्नवाल ने बताया कि पहली अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक जिले में उक्त कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं, जिनका निःशुल्क इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि पीबी कुष्ठ रोगियों को छह माह की, तो एमबी मरीजों को 12 माह की दवा दी जाती है। इनमें से कुछ के इलाज पूरे हो गए हैं तो कुछ का इलाज जारी है।

उन्होंने यह भी बताया कि जनपद के 174 कुष्ठ रोगियों को माइक्रो सेलुलर रबर(एमसीआर) चप्पल दिया गया है। एमसीआर चप्पल उन मरीजों को दिया जाता है जिनके पैरों में घाव होता है या घाव होने की संभावना होती है। इस चप्पल के पहनने से कुष्ठ रोगी को काफी आराम मिलता है।

दो बाल कुष्ठ रोगियों सामने खिलायी गयी दवा

जिला परामर्शदाता ने बताया कि जिले में जो दो बाल कुष्ठ रोगी मिले हैं । उनको पहले दिन दवा सामने खिलायी गयी। इस पहली खुराक से 99 प्रतिशत बैक्टीरिया मर जाते हैं। जिन गाँवों में कुष्ठ रोगी मिले हैं वहां पर विशेष कैंपेन चलाया गया। पूरे गांव के लोगों की स्क्रीनिंग की गयी।

कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो चिकित्सक से करें संपर्क

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. शमसुल हुदा ने आमजन से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर इलाज शुरू करा दें। सभी सरकारी अस्पतालों पर दवाएं निःशुल्क उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि उचित उपचार में देरी होने पर दिव्यांगता हो सकती है। यह बीमारी न तो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को होती है और न ही किस किसी पापों का फल है। यह अंधविश्वास है। किसी को इन बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। यदि कुष्ठ रोगी दवा का पूरा कोर्स खा ले तो वह पूर्णतया ठीक हो जाता है।

कुष्ठ रोग के लक्षण

  • -शरीर पर हल्के तांबा रंग के चकत्ते हो जाना।
  • – शरीर के किसी स्थान पर सुन्नापन हो जाना।
  • -सुई लगने पर दर्द महसूस न होना।
  • -हथेली अथवा पैर के तलवे में भी सुन्नापन हो तो कुष्ठ की जांच अवश्य कराएं।
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