img

Up kiran,Digital Desk : महाराष्ट्र सरकार ने आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है। दाते 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान डीजीपी रश्मि शुक्ला की जगह लेंगे, जो 3 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त हो रही हैं। दाते को दो वर्षों का कार्यकाल मिलेगा। नरम स्वभाव लेकिन सख्त प्रशासक माने जाने वाले दाते हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से महाराष्ट्र लौटे हैं। इससे पहले वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख रह चुके हैं।

26/11 हमलों में बहादुरी के लिए प्रसिद्ध
सदानंद दाते को 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान उनकी साहसिक भूमिका के लिए याद किया जाता है। उस समय वे मध्य क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त थे। उन्होंने आतंकी अजमल कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल को पकड़ने में निर्णायक भूमिका निभाई। इस वीरता के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

भयावह रात और घायल होने की कहानी
26 नवंबर 2008 की उस रात CST (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) के पास आतंकी अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे। हमले में मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हेमंत करकरे और अशोक कामटे सहित 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए। आतंकियों द्वारा फेंके गए ग्रेनेड से दाते गंभीर रूप से घायल हुए थे। आज भी उनके शरीर में ग्रेनेड के धातु के टुकड़े हैं, जिसमें एक आंख के पास भी है, जिसे वे युद्ध क्षेत्र से लाए पदक के रूप में देखते हैं।

कामा अस्पताल की छत पर आतंकियों का मुकाबला
आतंकी कसाब और इस्माइल ने CST से कामा अस्पताल की छत पर कब्जा कर लिया। दाते की टीम ने उनका पीछा किया और दोनों आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की। घायल होने के बावजूद दाते ने टीम के वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया और गोलीबारी जारी रखी, जिससे अस्पताल में मौजूद मरीजों और नागरिकों की जान बचाई गई।

सदानंद दाते की यह बहादुरी और नेतृत्व उन्हें महाराष्ट्र पुलिस के शीर्ष पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाती है।