हर खिलाड़ी का ड्रीम होता है कि वो अपने वतन के लिए एक बार जरूर विश्वकप खेले और ट्रॉफी जीतकर अपने देश का नाम रोशन करें। मगर कई क्रिकेटर ऐसे भी हैं, जो इतने अनलकी रहे हैं, जो अपने मुल्क के लिए कभी विश्वकप में नहीं खेल पाए। आईये जानते हैं उन 3 खिलाड़ियों के बारे में।
VVS लक्ष्मण क्रिकेट जगत के सबसे टैलेंटेड क्रिकेटरों में से एक हैं। VVS लक्ष्मण ने 16 वर्षों में इंडिया के लिए 134 टेस्ट खेले, जहां उन्होंने बहुत सी मैराथन पारी खेलीं। लक्ष्मण टेस्ट में बढ़िया थे, मगर उनका वनडे करियर कभी आगे नहीं बढ़ा। VVS लक्ष्मण के पास 2003 विश्वकप की टीम में शामिल होने का शुभ अवसर था, मगर उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
जस्टिन लैंगर को लाखों लोग टेस्ट क्रिकेट में बढ़िया ओपनर मानते हैं। लैंगर व मैथ्यू हेडन सबसे घातक सलामी जोड़ियों में से एक थी, मगर वनडे मुकाबलों में गिलक्रिस्ट और हेडन पारी की शुरुआत करते थे। टेस्ट में लैंगर के आँकड़े बहुत प्रभावशाली हैं, वहीं वनडे प्रारूप में उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। जस्टिन लैंगर को सिर्फ आठ वनडे मैच खेलने को मिले। साथ ही कभी भी उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लिए विश्वकप खेलने का चांस नहीं मिला।
इंग्लैंड के कप्तान रहे एलिस्टेयर कुक उन ही बदिकस्मत खिलाड़ियों में से एक हैं जो अपने देश के लिए कभी विश्वकप नहीं खेल पाए। एलिस्टेयर कुक वनडे में ज्यादा कुछ अच्छा नहीं कर पाए मगर टेस्ट क्रिकेट में कुक ने एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए।