कुशीनगर में टीबी के 386 बाल रोगी, 10 लिए गए गोद

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कुशीनगर। जिले में टीबी से पीड़ित 386 बाल रोगियों में से 10 गोद लिये जा चुके हैं। इन सभी दस बाल टीबी रोगियों को मारवाड़ी युवा मंच के चेतना शाखा ने गोद लिया है। जिनका इलाज चल रहा है। पिछले साल गोद लिए गए 48 बाल टीबी रोगियों ने जंग जीत कर टीबी चैंपियंस बन चुके हैं।
यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी ( डीटीओ) डॉ. बीपी नरसरिया ने दी। उन्होंने जनपद के समाज सेवियों, स्वयंसेवी संगठनों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अपील की है कि वह टीबी के बाल रोगियों को गोद लेने के लिए आगे आएं और उनको स्वस्थ बनाने में मदद करें।

DTO Dr. BP Narasaria

गोद लेने की मुहिम कारगर साबित हो रही

जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि जिन बाल रोगियों को गोद लिया जाता है, उन्हें पोषक सामग्री देनी होती है और नियमित तौर पर उनका हालचाल लेना होता है। इलाज के दौरान पोषक तत्वों की आवश्यकता भी सबसे ज्यादा होती है। इलाज के दौरान मनोबल बढ़ाने और पोषकता का ध्यान रखने में गोद लेने की मुहिम कारगर साबित हो रही है। इसके लिए कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूरे प्रदेश में मुहिम चला रखी है। टीबी के बाल रोगियों को गोद लेने वालों को किसी प्रकार की आर्थिक प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है और यह स्वेच्छा से दी गयी सेवा है। ऐसे लोगों को जिला क्षय रोग विभाग इस आशय का प्रमाण पत्र भी जारी करता है।

स्कूलों में भी चल रहा है अभियान

जिला पीपीएम-कोआर्डिनेटर नितेश राय ने बताया कि टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. बीपी नरसरियाऔर जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुपम मिश्रा सहयोग से स्कूल-कालेज में अभियान चलाया जा रहा है। विश्व महिला दिवस पर कई कॉलेज में जाकर टीबी के बारे में बताया गया और बाल रोगियों को गोद लेने की अपील भी की गयी।

बच्चों को टीबी से मुक्त कराएं-डीटीओ

जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.बीपी नरसरिया ने कहा किबच्चों को टीबी से मुक्ति दिलाना उनके लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रखने जैसा है। टीबी पीड़ित बच्चे की शिक्षा प्रभावित होती है। बच्चों की शीघ्र स्वस्थ होना आवश्यक है।सामाजिक लोगों और संगठनों को इस कार्य के लिए स्वतः आगे आना चाहिए।

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