नई दिल्ली॥ यूएस के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने Corona Virus के खतरे को नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसी के साथ ही ट्रम्प प्रशासन ने इस खतरनाक संक्रमण से निपटने के लिए अभूतपूर्व आर्थिक और वैज्ञानिक उपायों का सहारा ले लिया है। अगले कुछ ही महीनों में चुनाव में उतरने जा रहे प्रेसिडेंट ट्रम्प कोरोना को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं मोल लेना चाहते हैं।
ट्रम्प ने कहा कि उनके इस एक्शन से Corona Virus के विरूद्ध लड़ने के लिए 50 अरब डॉलर का फंड मिल जाएगा। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका की केंद्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय एजेंसियां Corona Virus के संक्रमण को रोकने के लिए इस फंड का प्रयोग करेंगी। अमेरिका में अबतक Corona Virus से लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रेसिडेंट ने कहा कि नेशनल इमरजेंसी दो बहुत बड़े शब्द हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस कदम से अमेरिकी सरकारी पूरी शक्ति का प्रयोग इस बीमारी से लड़ने में हो सकेगा। ट्रम्प के इस कदम ने अमेरिकी प्रशासन के लिए मानो कुबेर का खजाना खोल दिया है। नेशनल इमरजेंसी लागू होने से Corona Virus से लड़ने के लिए ट्रम्प प्रशासन 50 अरब डॉलर यानी कि लगभग 37 खरब रुपये का प्रयोग कर सकेगा।
ट्रम्प ने अमेरिकी राज्यों से कहा कि वे तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में आपातकाल ऑपरेशन सेंटर को प्रभावी रूप से चालू करें। ट्रम्प ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि इस बीमारी का संक्रमण पूरी तरह से रोका जाए। उन्होंने कहा कि जो इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें अच्छा से अच्छा इलाज दिया जाए। प्रेसिडेंट ट्रम्प ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें कुछ बदलाव करना पड़ेगा और त्याग करने पड़ेंगे, लेकिन कुछ समय का यह त्याग लंबे समय में लाभकारी साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगल आठ सप्ताह कठिन हैं।
समाचार एजेंसी ने बताया कि ट्रम्प प्रशासन ने उन दो कंपनियों को 13 लाख डॉलर देने का एलान किया है जो एक ऐसा टेस्ट विकसित कर रही हैं जिससे मात्र एक घंटे में पता लगाया जा सकेगा कि क्या कोई शख्स Corona Virus से पीड़ित है या नहीं।
यूएस की विपक्षी पार्टियां ट्रम्प प्रशासन पर आरोप लगा रही है कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर रही है। इसके बाद ट्रम्प ने कोरोना संक्रमण को 1988 के एक कानून के तहत राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने का फैसला किया है। इस घोषणा के साथ फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी नाम की संस्था राज्यों और स्थानीय सरकारों को आर्थिक सहायता देने के लिए कानूनी रूप से सक्षम हो जाएगी। इसके साथ ही पूरे अमेरिका में सपोर्ट टीम की तैनाती भी की जाएगी।