गोरखपुर॥ कोविड काल में नियमों का पालन करते हुए पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ने एक साल में 423 लाभार्थियों को नसबंदी की सफल सेवाएं दी हैं। सबसे अच्छी बात यह रही कि मॉस्क समेत नसबंदी के पहले कोविड जांच के सख्त नियमों के पालन के कारण न स्टॉफ न ही किसी भी लाभार्थी को नसबंदी के बाद कोविड की समस्या नहीं हुई।
यह जिले की एक मात्र ऐसी सीएचसी है जहां मिनीलैप और लैप्रोस्कोपिक दोनों विधियों से नसबंदी होती है। पुरुष नसबंदी की सुविधा यहां प्रतिदिन उपलब्ध है जबकि महिला नसबंदी प्रत्येक मंगलवार, बुधवार और शनिवार को फिक्स डे सर्विस (एफडीएस) मोड पर की जाती है। पिपराईच सीएचसी एक ऐसा अस्पताल है जो वर्ष 2017 से लगातार कायाकल्प अवार्ड पा रहा है।
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. नंदलाल कुशवाहा खुद सर्जन हैं। नसबंदी का दायित्व सर्जन डॉ. धनंजय चौधरी देखते हैं और आवश्यकता पड़ने पर अधीक्षक खुद उनका हाथ बंटाते हैं। बीपीएम प्रशांत और बीसीपीएम विमलेश आशा कार्यकर्ताओं को खासतौर पर इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि नसबंदी का कोई भी लाभार्थी बिना मॉस्क लगाए फैसिलिटी पर न आए।
बीसीपीएम विमलेश ने बताया कि एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक मिनीलैप पद्धति से 117 नसबंदी, लैप्रोस्कोपिक पद्धति से 298 नसबंदी, प्रसव के तुरंत बाद तीन महिला नसबंदी और कुल पांच पुरुष नसबंदी हुई है। इन सभी मामलों में नसबंदी के लाभार्थी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाया गया।
क्षेत्र के सिधावल गांव की 24 वर्षीय रीता (बदला नाम) ने बताया कि नसबंदी से पहले उनके हाथों को धुलवाया गया। उन्हें आशा कार्यकर्ता राजकुमारी ने प्रेरित कर दो बच्चों के बाद ही नसबंदी की विधि अपनाने को तैयार किया था। कोविड जांच के बाद नसबंदी हुई और सभी लोग मॉस्क पहने हुए थे। कोविड के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी।
अधीक्षक डॉ. नंदलाल कुशवाहा का कहना है कि नसबंदी की सेवा के दौरान लाभार्थियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाता है। कभी-कभी कुछ कमियां संज्ञान में आती हैं तो उनको दूर कराया जाता है। इस समय नसबंदी के दौरान शारीरिक दूरी के पालन, हाथों की स्वच्छता और मॉस्क के इस्तेमाल पर विशेष जोर है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. नंद कुमार का कहना है कि कोविड काल में भी परिवार नियोजन की अस्थायी और स्थायी सेवाएं प्रोटोकॉल के पालन के साथ जारी हैं। पार्टनर संस्था उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) इस कार्य में विशेष सहयोग दे रही है। नसबंदी के मामले में पिपराईच सीएचसी का जिले में तीसरा स्थान है।
परिवार नियोजन की सेवा एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा है। कोविड काल में कोरोना से बचाव करते हुए लाभार्थियों को सेवा देना निश्चित तौर पर सराहनीय प्रयास है। दवाई और कड़ाई के साथ इन सेवाओं को गंभीरता से जारी रखना है। -डॉ. सुधाकर पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी