
पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने अब गंभीर रूप ले लिया है। हाल ही में हुए एक इजरायली हमले में ईरान के 865 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले में कई आम नागरिक भी मारे गए हैं, जिससे देश में गहरा शोक और गुस्सा फैल गया है।
इजरायल ने यह हमला ईरान की कुछ सैन्य गतिविधियों को देखते हुए किया। इजरायल का कहना है कि यह कार्रवाई उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई थी। लेकिन इसके जवाब में ईरान की सेना ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। ईरानी सेना ने इजरायल के कई बड़े शहरों जैसे तेल अवीव, हाइफा और अन्य क्षेत्रों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस जवाबी कार्रवाई को जायज़ ठहराया। उन्होंने कहा कि ईरान अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है और अगर जरूरत पड़ी, तो और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस हमले में इजरायल में भी कई लोग घायल हुए हैं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचा है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य देशों ने इस स्थिति को लेकर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर इस संघर्ष का असर दिखने लगा है, जिससे तेल की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं।
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