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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न, श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को कौन नहीं जानता। वह सिर्फ एक महान राजनेता ही नहीं, बल्कि एक कवि, एक दूरदर्शी और एक ऐसे नेता थे, जिन्हें हर पार्टी के लोग सम्मान देते थे। आज उनकी विरासत और उनके कामों को गहराई से समझने के लिए देश भर के विद्वानों और शोधकर्ताओं को एक सुनहरा मौका दिया जा रहा है।

क्या है यह पहल: हाल ही में, एक राष्ट्रीय स्तर की पेपर लेखन प्रतियोगिता की घोषणा की गई है, जिसका विषय है "अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत"। इस प्रतियोगिता का मकसद विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों को अटल जी के जीवन, उनके फैसलों और देश के लिए उनके योगदान पर रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह एक मौका है कि नई पीढ़ी अटल जी के उस दौर को जाने, जब उन्होंने कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए थे।

किन विषयों पर कर सकते हैं रिसर्च?

इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लोग कई विषयों पर लिख सकते हैं, जैसे:

विदेश नीति: पोखरण परमाणु परीक्षण से लेकर पाकिस्तान के साथ लाहौर बस यात्रा तक, उनकी विदेश नीति हमेशा चर्चा का विषय रही।

आर्थिक सुधार: उन्होंने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा दी, जिसमें "स्वर्णिम चतुर्भुज योजना" एक मील का पत्थर साबित हुई।

शासन शैली: गठबंधन की राजनीति के दौर में उन्होंने कैसे सफलतापूर्वक एक स्थिर सरकार चलाई, यह आज भी एक मिसाल है।

एक कवि-राजनेता: उनकी कविताएं और भाषण आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं।

यह प्रतियोगिता सिर्फ एक इनाम जीतने का मौका नहीं है, बल्कि यह देश के एक महान सपूत को श्रद्धांजलि देने और उनके विचारों को आज के समय में फिर से प्रासंगिक बनाने का एक गंभीर प्रयास है।