
Up Kiran, Digital Desk: खेल की दुनिया की सबसे खूबसूरत बात यही है कि वो आपको हार के बाद फिर से उठ खड़े होने का मौका देती है। इस बात का सबसे ताजा और बेहतरीन उदाहरण हैं पैरा-एथलीट डेनिस नेज़दिलोव। पिछले साल पेरिस में मिली निराशा को पीछे छोड़ते हुए, डेनिस ने जापान के कोबे में चल रही वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों के शॉट पुट (गोला फेंक) F40 इवेंट में न सिर्फ गोल्ड मेडल जीता, बल्कि एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया।
सोमवार को हुए इस मुकाबले में डेनिस का प्रदर्शन देखने लायक था। उन्होंने 11.83 मीटर की दूरी तक गोला फेंककर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले साल पेरिस में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में वह चौथे स्थान पर रहे थे और मेडल से चूक गए थे। उस हार ने उन्हें निराश जरूर किया, लेकिन तोड़ा नहीं।
डेनिस ने अपनी जीत के बाद कहा, "पेरिस में चौथे स्थान पर रहना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। उस हार के बाद मैंने खुद से वादा किया था कि मैं और कड़ी मेहनत करूंगा। मैं जानता था कि मुझे अपनी तकनीक में सुधार करना होगा और मानसिक रूप से और मजबूत बनना होगा।"
उनकी यह मेहनत कोबे में रंग लाई। उन्होंने अपने पहले थ्रो से ही बढ़त बना ली और हर थ्रो के साथ अपने प्रदर्शन को बेहतर करते गए। जब उन्होंने रिकॉर्ड तोड़ने वाला थ्रो फेंका, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह सिर्फ एक गोल्ड मेडल नहीं था, बल्कि उनकी हिम्मत, लगन और कभी हार न मानने वाले जज्बे की जीत थी।
दूसरे स्थान पर इराक के गर्मा तैमूरी रहे, जिन्होंने 11.23 मीटर का थ्रो किया, जबकि क्रोएशिया के माटीजा स्लुगा ने कांस्य पदक जीता।
डेनिस की यह कहानी हमें सिखाती है कि हार जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई और मजबूत शुरुआत का मौका होती है।