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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर है। पिछले दो महीनों से बाजार में भारी बिकवाली कर रहे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) अब अपना रुख बदल सकते हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा शेयरों को बेचने का सिलसिला अब धीमा पड़ेगा और जल्द ही वे फिर से खरीदार बन सकते हैं।

अगस्त और सितंबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम निकाल ली थी, जिससे बाजार पर भारी दबाव देखने को मिला था। लेकिन अब दो बड़ी वजहों से यह ट्रेंड बदलने की पूरी उम्मीद है।

क्यों बदल रहा है विदेशी निवेशकों का मन?इसके पीछे दो मुख्य कारण बताए जा रहे हैं:

कंपनियों के शानदार नतीजे (Improved Earnings): भारत की बड़ी कंपनियों के दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के नतीजे आने वाले हैं, और उम्मीद की जा रही है कि ये नतीजे काफी अच्छे रहेंगे। खासकर बैंकिंग, कैपिटल गुड्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियां बेहतरीन मुनाफा दर्ज कर सकती हैं। जब कंपनियों के नतीजे अच्छे आते हैं, तो उनके शेयर निवेशकों को आकर्षित करते हैं।

शेयरों के दाम हुए सस्ते (Attractive Valuation): पिछले कुछ समय में बाजार में आई गिरावट की वजह से कई अच्छी और बड़ी कंपनियों के शेयर काफी सस्ते हो गए हैं। विदेशी निवेशकों के लिए यह खरीदारी करने का एक सुनहरा मौका है, क्योंकि उन्हें मजबूत कंपनियों के शेयर आकर्षक कीमतों पर मिल रहे हैं।

पहले क्यों बेच रहे थे शेयर: विदेशी निवेशकों की बिकवाली का मुख्य कारण अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें (US Bond Yields) थीं। जब अमेरिका में बिना किसी जोखिम के अच्छा रिटर्न मिलता है, तो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से पैसा निकालकर वहां लगा देते हैं। लेकिन अब अक्टूबर की शुरुआत से ही उनकी बिकवाली में भारी कमी देखी गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में थोड़ी नरमी आएगी और भारतीय कंपनियों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक अच्छे आएंगे, विदेशी निवेशक बिकवाली छोड़कर खरीदारी शुरू कर देंगे। इससे शेयर बाजार में एक बार फिर से तेजी का माहौल बन सकता है।