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Up Kiran, Digital Desk: ग्रेटर चेन्नई पुलिस (GCP) ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के आधिकारिक आवास के आसपास सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक उन्नत, AI-संचालित निगरानी नेटवर्क को लागू करना शुरू कर दिया है।

इस पहल का मकसद शहर के सेंट्रल कमांड सिस्टम के साथ अगली पीढ़ी की वीडियो मॉनिटरिंग और एनालिटिक्स को जोड़कर चौबीसों घंटे एक सुरक्षा कवच तैयार करना है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस नए सुरक्षा ग्रिड में हाई-रिजॉल्यूशन क्लोज-सर्किट टेलीविजन (CCTV) कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल को जोड़ा जाएगा, जो रियल-टाइम में खतरों का पता लगाने और स्थिति पर नजर रखने में मदद करेगा। वीडियो एनालिटिक्स लाइव फुटेज को स्कैन करके किसी भी असामान्य या अनधिकृत गतिविधि, संदिग्ध व्यवहार या घुसपैठ की कोशिश का तुरंत पता लगाएगा, जबकि चेहरे की पहचान (facial recognition) और मोशन डिटेक्शन (गति का पता लगाना) सुरक्षा को और भी मजबूत बनाएंगे।

एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, यह सिस्टम मुख्यमंत्री आवास के आसपास के 29 प्रमुख सड़कों और चौराहों को कवर करेगा। इनमें नंदनम सिग्नल, जीके मूपनार ब्रिज, सेनोटाफ रोड, केबी दासन रोड, टीटीके रोड और अन्ना सालै जैसे संवेदनशील इलाके शामिल हैं।

इस योजना के तहत, वाहनों पर नजर रखने के लिए 20 ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे, 20 चेहरे की पहचान वाले कैमरे, 50 पांच-मेगापिक्सल के बुलेट कैमरे और व्यापक निगरानी के लिए 10 पैन-टिल्ट-जूम (PTZ) कैमरे लगाए जाएंगे।

इस प्रोजेक्ट की एक बड़ी खासियत यह है कि यह ग्रेटर चेन्नई कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (GCCCC) से सीधे जुड़ा होगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अलर्ट भेजा जा सकेगा और समन्वित कार्रवाई की जा सकेगी।

अधिकारी रियल टाइम में संभावित खतरों की पहचान कर सकेंगे, जिससे प्रतिक्रिया की गति में सुधार होगा और कमजोरियों को कम किया जा सकेगा।

अधिकारियों ने बताया कि यह सिस्टम काफी मजबूत है और इसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों, जैसे कि बिजली कटौती या नेटवर्क में रुकावट, में भी लगातार काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक डिजिटल सबूत और एनालिटिक्स हब के रूप में भी काम करेगा, जहां फुटेज और डेटा को स्टोर किया जाएगा ताकि बाद में जांच और रणनीतिक योजना में मदद मिल सके।

इस कदम को चेन्नई शहर की पुलिस द्वारा AI और डेटा-संचालित समाधानों के साथ अपने बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के एक बड़े प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य हाई-सिक्योरिटी क्षेत्रों के लिए सुरक्षा बढ़ाना और राज्य की राजधानी के लिए एक स्मार्ट और सक्रिय सुरक्षा मॉडल बनाना है।